काले रंग से भयभीत मनोहर लाल : माईकल सैनी

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल जी खट्टर आजकल काले रंग को देखते ही अपना विवेक खो बैठते हैं और कुछ भी अंट-शंट बयान देने लगते हैं , जिस प्रकार उनका रिएक्शन देखने को मिल रहा है उससे तो उनके मन में व्याप्त अपनी सत्ता के खो जाने का भय साफ दिखाई देता है !
माननीय स्पीकर महोदय श्री ज्ञान चंद गुप्ता जी के द्वारा अकाली दल के निष्काषित विधायकों पर हरियाणा के मुख्यमंत्री के घेराव को लेकर जताई गई आशंकाओं पर आधारित कार्यवाही तो यही संकेत कर रही है !

उनका कहना है कि सदन की कार्यवाही समाप्त होने उपरांत जब प्रेस वालों से मुखातिब हो रहे थे सूबे के मुखिया तब उनके समक्ष प्रदर्शन किया गया , खट्टर साहब के ईस घेराव को उन्होंने संभावित हमला किए जाने के षड़यंत्र से जोड़ दिया और उन अकाली विधायकों के सदन की बेसमेंट में छिपे होने का आरोप लगाते हुए उनकी जेबों में काले रंग के कपड़े छिपाकर रखने की बात कही जैसे कि काला कपड़ा ना हुआ कोई विस्फोटक सामग्री हो गया , अब देखना यह है कि वास्तव में भय काले रंग से ही है या उसके पीछे के विरोध प्रदर्शनों से है खट्टर सरकार को – खैर कार्यवाही शुरू कर दी गई है मगर सवाल फिर वही कि कार्यवाही किस किस पर करेंगे जब्कि विरोध के स्वर तो अब चहुओर से सुनाई दे रहे हैं !

कैमला गाँव में होने वाली किसान महापंचायत (सम्मेलन ) को भी किसान आंदोलनकारियों ने होने ही नहीं दिया था वहाँ भी काले झंडे दिखाए गए थे जिसके चलते ऊपर चक्कर लगाता हुआ हेलीकॉप्टर वापिस मोड़ना पड़ गया था खट्टर साहब को !

करनाल शहर स्वम् की विधानसभा क्षेत्र में किसानों ने उनके काफिले को घेरा था वहां भी लोगों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा था काले झंडे में लगे डंडे से हमला होना बताया गया । रेवाड़ी शहर में भी राव इंद्रजीत सिंह जी के सहयोग से बुलाई गई रैली के मंच के समीप पहुंचकर किसानों ने काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी करते हुए विरोध जताया था काले कृषिकानूनों को लेकर और मुख्यमंत्री जी ने वहाँ भी कहा था कि मुझे पता था कि यहाँ भी काली कातर वाले आएंगे – अब वो बात अलग है कि उन्होंने वह बात किस संदर्भ में कही थी क्योंकि वहां अहीरवाल के तथाकथित राजा जी ने भी काले रंग का सफारी पहना हुआ था , खैर यह उनका अंदरूनी मसला है हमें क्या ।

तरविंदर सैनी (माईकल ) समाजसेवी गुरुग्राम विधानसभा की दिलचस्पी यह जानने में है कि माननीय मुख्यमंत्री जी को काले रंग से इतना भय क्यों लग रहा है जिस भय को समाप्त करने के लिए वह प्रत्येक वीरोधी को ही जेल में डालकर हर विरोध के स्वर को दबा देना चाहते हैं – आखिर कब तक और किस किस को दबाएंगे और क्यों ?

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