किसान आंदोलन के समर्थन में विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं अभय चौटाला रमेश गोयत पंचकूला, 14 मार्च। हरियाणा में ऐलनाबाद क्षेत्र की चुनावी जंग चौटाला परिवार के बीच ही रहेगी। ऐलनाबाद सीट इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला के इस्तीफा देने से खाली हुई है। केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में अभय चौटाला ने विधायक पद से त्यागपत्र दे दिया था। चुनाव आयोग को ऐलनाबाद सीट रिक्त होने के बारे में सूचित किया जा चुका है। इस सीट पर जल्दी ही उप चुनाव कराये जाने के आसार हैं। अभय चौटाला पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे है। ऐलनाबाद क्षेत्र से वे तीन बार विधायक रह चुके है। किसानों के समर्थन में इस्तीफे के बाद वे कई बार बड़ी तादाद में किसानों के साथ ट्रैक्टरों पर बॉर्डर पर जा चुके है। उन्होंने कहा है कि किसान कृषि कानून वापस कराये बिना बॉर्डर से वापस लौटने वाले नहीं हैं. जब तक किसान आंदोलन जारी रहेगा. वे किसानों के पक्ष में खड़े रहेंगे। ऐलनाबाद में तिकोने मुकाबले के आसार है। अभय चौटाला को कांग्रेस के अलावा जननायक जनता पार्टी (जजपा) के उम्मीदवार से भी जूझना पड़ेगा। राज्य में भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार है, ऐसे में ऐलनाबाद सीट जहां जजपा के खाते में जाएगी, वही कालका सीट पर भाजपा अपना उम्मीवार मैदान में उतारेगी। कांग्रेस विधायक प्रदीप चौधरी को अदालत से तीन साल की सजा मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कालका से उनकी सदस्यता रद्द कर दी है। कालका और ऐलनाबाद सीटों पर एकसाथ ही उप चुनाव करवाए जाने है। अभय चौटाला का कहना है कि ऐलनाबाद उप चुनाव से साबित हो जाएगा कि चौधरी देवीलाल के परिवार का असली राजनीतिक उत्तराधिकारी कौन है? उन्होंने कहा कि उनके भतीजे दिग्विजय सिंह और उनके परिवार का कोई भी सदस्य मैदान में उतरे, उनके लिए अपनी जमानत बचाना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला अपने ही गांव में अपने पिता डॉ. अजय सिंह चौटाला का जन्मदिन नही मना पाए। इसी से यह साबित हो जाता है कि जब गांव में ही उनका इतना विरोध है तो स्वागत कहां होगा? अभय चौटाला का दावा था कि ऐलनाबाद में जीत इनेलो की किसान हितैषी नीतियों की होगी। Post navigation भारतीय धर्म ग्रंथ व पर्यटक स्थल विदेशों में प्रसिद्ध 16 मार्च को 1000 रोडवेज चालकों को सरप्लस करने के विरोध में प्रदर्शन