मजदूर-किसान-नौजवान की आखिरी उम्मीद भी टूटी निकम्मी सरकार, नाकारा बजट    6 साल में प्रदेश पर कर्जा 1,28,892 करोड़ बढ़ा; केवल एक साल में 33,437 करोड़ कर्जा बढ़ा

चंडीगढ़, 12 मार्च  -कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हरियाणा की खट्टर सरकार द्वारा पेश बजट को आर्थिक दिवालियेपन की ओर धकेलने वाला ऐसा दिशाहीन और निराशाजनक बजट करार दिया है, जिसमें आम हरियाणवी के लिए कोई राहत नहीं है।

सुरजेवाला ने कहा कि निकम्मी सरकार के नाकारा बजट से मजदूर-किसान-नौजवान की आखिरी उम्मीद भी टूट गयी है। हरियाणा में “बेरोज़गारी दर” देश में सबसे अधिक है, लेकिन बेरोज़गारी कम करने और नई नौकरियाँ पैदा करने का कोई रास्ता नहीं दिखाया गया है। हरियाणा का मजदूर-किसान आंदोलित हैं, लेकिन उन्हें भी कोई राहत नहीं दी गयी। बजट में नया कुछ भी नहीं है।

बजट में पेश आंकड़ों का हवाला देते हुए सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री खट्टर को बताना चाहिए कि प्रदेश में कोई विकास नहीं हो रहा, लेकिन कर्जा क्यों बढ़ता जा रहा है। पिछले साल मुख्यमंत्री ने बजट में वर्ष 2020-21 के दौरान 22,322.39 करोड़ रुपए कर्ज लेने का अनुमान दिया था, लेकिन पिछले एक साल में 33,437 करोड़ कर्जा लिया गया, जो उससे पिछले साल केवल 15,511 करोड़ रुपए था। 

आने वाले साल यानी वर्ष 2021-22 में 27,807.79 करोड़ रुपए लेने का अनुमान लगाया गया है, जिससे हरियाणा पर जो कर्ज 1966-67 से 2014-15 तक यानि 48 साल में केवल 70,931 करोड़ रुपए था, वो मार्च 2022 यानी सात साल में बढ़कर 2,27,631 करोड़ यानी 321 प्रतिशत हो जायगा। इन आंकड़ों से साफ़ है कि इस सरकार की गलत नीतियों की वजह से हरियाणा कर्ज में डूब रहा है पर उससे से भी बड़ा सवाल यह है की पिछले छह साल में लिया 1,28,892 करोड़ रुपए कर्ज का पैसा आखिर गया कहाँ ?

वर्ष 2020-21 में लिए कर्जे के विस्तृत आंकड़े जारी करते हुआ सुरजेवाला ने कहा कि पिछले साल खट्टर सरकार ने बाज़ार से 5050 करोड़ रुपए, नाबार्ड से 437 करोड़ रुपए, भारतीय स्टेट बैंक और अन्य बैंकों से 11,820 करोड़ रुपए, नेशनल कोआपरेटिव बैंक से 9,828 करोड़ रुपए, अन्य संस्थाओं से 320 करोड़ रुपए और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया से 4,976 करोड़ रुपए लिए थे।

error: Content is protected !!