–कमलेश भारतीय हरियाणा सरकार के खिलाफ कांग्रेस द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया लेकिन अभी बयानबाज़ी के तीर चल रहे हैं एक दूसरे पर । मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा में कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ट्रैक्टर पर बैठे थे और नीचे बहन शकुंतला खट्टक ट्रैक्टर खींच रही थी । मुझे इस बात का बहुत दुख हुआ । इस पर ही बस नहीं हुई । केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से भी बयान दिलवाया गया कि जब मोदी जी महिला सशक्तिकरण की बात कर रहे थे तब हुड्डा अपना ट्रैक्टर एक महिला विधायक से खिंचवा रहे थे । वाह । मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री दोनों के लिए शकुंतला खट्टक ने एक वीडियो जारी किया । इसमें कहा कि मैं पांच सौ किलोमीटर तक बाइक चला लेती हूं तो ट्रैक्टर खींचना क्या बड़ी बात है । दूसरे हुड्डा जी मेरे पिता समान हैं । वे यदि ट्रक पर भी बैठेंगे तो मैं ट्रक भी खींच दूंगी । क्या बात है इसमें ? सही कहा । शकुंतला खट्टक को बाइक वाली विधायक कहा जाता है । सारे हरियाणे में । जैसे महाराष्ट्र में एक पानी वाली ताई है । अब बात मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की तो शकुंतला खट्टक ने कहा कि मेरी चिंता छोड़ो मुख्यमंत्री जी , जो बार्डर पर किसान बैठे हैं , उनकी चिंता करो । मेरा सब कुछ बढ़िया चल रहा है । कोई कमी नहीं । मैं चाहे ट्रक खींचूं या ट्रैक्टर मेरी मर्जी । दूसरी ओर स्मृति ईरानी जी । आप छोड़िए चिंता शकुंतला की । आप चिंता कीजिए रसोई गैस के बेतहाशा बढ़ते दामों की और बीच सड़क में कब सिलेंडर लेकर बैठेंगी आप इसके विरोध में ? नहीं । अब क्यों बैठेंगी ? अब तो आप बनारस जाकर गोलगप्पे खायेंगी । आपको क्या लेना देना आम महिला की दुख तकलीफ से ? न आप चूड़ियां पहनाने जायेंगी । अब तो आप पार्टी की बेड़ियों में बंधी हैं । आपको क्या किसी दूसरे से ? पश्चिमी बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के प्लास्टर चढ़ा है । साजिश का आरोप लग रहा है । यों एक महिला के नाते हाल चाल भी नही पूछा । बस । हरियाणा की सेहतमंद शकुंतला खट्टक ही नज़र आई । वाह । ये हैं आपके सरोकार । यूपी में महिलाओ पर बढ़ते अत्याचार नहीं दिखते । हरियाणा की महिला विधायक को बड़ी जल्दी ट्रोल किया स्मृति जी । क्या दूर दृष्टि पाई है आपने । दिव्य ज्ञान प्राप्त हो चुका लगता है आपको । इधर राहुल गांधी स्वीडन का हवाला देकर कह रहे हैं कि भारत अब लोकतांत्रिक देश नही रहा । अब प्रकाश जावड़ेकर जी ही इस पर कुछ प्रकाश डाल सकेंगे । हमें तो कुछ नहीं आता और हम बोलेंगे तो बोलेंगे कि बोलता है ,,, हम खामोश रहेंगे । महात्मा गांधी के आदर्शों पर । न किसी को कुछ कहेंगे, न देखेंगे और न ही सुनेंगे । आपको सुनाई देता हो तो आप ही जानें । हम तो देशभक्त हैं । कुछ नहीं देखते । Post navigation अविश्वास प्रस्ताव : क्या खोया , क्या पाया ,,,,? प्रमोद बागडी ने कहा कि बजट से आम जनता किसान व्यापारी की हुई निराशा-प्रमोद बागडी