घटना दिल्ली-जयपुर हाईवे पर शाहजापुर खेड़ा बोर्डर की.
किसान शहादत देने में पीछे नही और शाहादत ऐसी होती है

फतह सिंह उजाला
खेड़ा बार्डर। 
केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ एक तरफ किसान आंदोलन एक सौ दिन पूरे कर चुका है और 225 से अधिक किसान अपनी शहादत दे चुके हैं। दूसरी तरफ सत्तासीन बीजेपी, पीएम मोदी सहित उनके मंत्रीमंडल के वजीर वोटों की फसल की लावणी के लिए सक्रिय है। इसी बीच में दिल्ली-जयपुर हाईवे के जयसिंहपुर खेड़ा बार्डर पर संडे को एक और किसान ने कृषि कानूनों के खिलाफ जहारीला पदार्थ निगल लिया। संबांेधन की अंतिम लाइने बालते कहा कि, किसान शहादत देने में पीछे नही है और शाहादत ऐसी होती है।

संडे को दोपहर उपरान्त मोर्चा पर बीते तीन माह से भारतीय किसान जाट महासभा के किसान कृष्ण कुमार स्वामी काटपुतली निवासी ने अपने सम्बोधन के बीच में प्रधान मन्त्री नरेन्द्र को कृषि कानून को लेकर चले आ रहे आन्दोलन पर खुब-खरी खेटी सुनते हुए अचानक माईक छोड़ कर अपनी जेब से जहरीला पदार्थ की पुडिया निकाल कर यह कहते हुए कि, मोदी से हम परेशान है और अब अपनी जीवन लीला समाप्त करना व शहिद होना है। यही सरकार को मंजूर है तो हम भी अपने आखरी भाषण के साथ विदा लेते है, कहते हुए अचानक माईक छोड़  किशन लाल के  द्वारा लिये  गये भयानक फैंसले व जहरीले पर्दाथ की पुडिया को निगलता देख सभी भोचक रह गये। मोके  पर  पूर्व विधायक पवन  दुगल,राजाराम मील मंच  का संचालन कर रहे।

डा.संजय माधव, कालू थोरी, राधेश्याम सुक्लावास, सुभाष नम्बरदार, बावल-84 के प्रधान सुमेर जेलदार, महेन्द्र ककरावत महिला नेत्री सोना देवी बावरी, ईसा शर्मा ने बिना एक पल गंवाएं उसी समय किसान के द्वारा लिये गये कठोर कदम व जहरीले पदार्थ के असर से निजात दिलाने के लिये शाहपुर पुलिस विभाग के सहयोग से जिला अलवर के बोर्डर के निकटवर्ती सरकारी शाहाजापुर प्राथमिक अस्पताल में उपचार के लिये ले जाया गया। प्राथमिक उपचार के उपरान्त बहरोड़ के बड़े अस्पताल में भेजा गया है। पुष्टि करते हुऐ राजस्थान किसान युनियन के प्रदेश प्रधान बलबीर छिल्लर ने बताया कि मोदी सरकार कि नीति के विरूद्ध किसान ने खेड़ा बोर्डर पर आत्म हत्या करने का प्रयास किया है। अब इसकी हालात काबू में है और उपचार जारी है।

इस संदर्भ किसान के प्रमुख नेता राजाराम मील ने किसान के द्वारा आत्मा हत्या के लिए उठाये गए कदम की नींदा करते हुऐ कहा कि किसानों के द्वारा भावुकता नहीं दिखाते हुए संघर्ष की राह पर चलते ड़ट कर मुकाबला करना ही संघर्ष का नाम है। उन्होंने केन्द्र सरकार को ललकारते हुऐ कहा कि केन्द्र सरकार किसानो की भवनाओ के साथ खिलवाड़ करना बंद करे।


 
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