विकास की नई इबारत लिखेगा शहर, 2 मार्च बना ऐतिहासिक दिन
ज्ञान चंद गुप्ता ने मुख्यमंत्री का जताया आभार, जश्न का माहौल कहा-उनकी दरियादिली का कायल हुआ पंचकूला का हर नागरिक

रमेश गोयत

पंचकूला। पंचकूला अब किसी भी मामले में गुरुग्राम या पड़ोसी शहर मोहाली से पीछे नहीं रहेगा। यहां विकास की नई इबारत लिखने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने विकास शुल्क में बंपर छूट देने का ऐलान कर दिया है। हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष एवं पंचकूला से विधायक ज्ञान चंद गुप्ता मुख्यमंत्री की इन घोषणाओं से गदगद हैं तो शहर में जश्न का माहौल बन गया है। गुप्ता इसके लिए पीछे मुख्यमंत्री की दरियादिली और पंचकूला के प्रति विशेष लगाव ही कारण बताते हैं। उन्होंने कहा कि पंचकूला के विकास और इसे स्मार्ट सिटी बनाने के लिए मुख्यमंत्री ने जिस प्रकार से प्रतिबद्धता जताई है, उसके लिए पूरा जिला उनका ऋणी रहेगा।

विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि 2 मार्च का दिन पंचकूला के इतिहास में सदैव याद रखा जाएगा। इस दिन से पंचकूला नई यात्रा शुरू कर रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के जहन में हमेशा यह सवाल रहा है कि चंडीगढ़ और मोहाली के सटा होने के बावजूद पंचकूला विकास के मामले इन शहरों की बराबरी क्यों नहीं कर पाया। अब मुख्यमंत्री ने एक कुशल वैद्य की भांति इस समस्या की नब्ज को पढ़कर इसका इलाज शुरू कर दिया है। गुप्ता ने कहा कि विकास दरों में भारी असमानता के कारण बड़ा निवेश मोहाली में हो रहा है। इससे बड़े निवेशक पंचकूला की बजाय साथ लगते पंजाब के क्षेत्रों को प्राथमिकता दे रहे थे। उन्होंने कहा कि हैरानी की बात है कानून व्यवस्था और सुविधाओं के मामले में पंचकूला कहीं आगे है, इसके बावजूद डेवलपर यहां निवेश की बजाय मोहाली, जीरकपुर और साथ लगते पंजाब के दूसरे स्थानों को तवज्जो दे रहे थे। इसका प्रमुख कारण यह था कि यहां कॉलोनी और व्यावसायिक इंफ्रास्ट्रचर के लिए लाइसेंस फीस व दूसरे चार्ज ज्यादा रहे हैं। पिछली सरकारों ने पंचकूला में विकास दरें गुरुग्राम इत्यादि बड़े शहरों के समान रखी हुई थीं। यह पिछली सरकारों की अदूरदर्शिता और पंचकूला के विकास के प्रति उपयुक्त दृष्टिकोण के अभाव के कारण हुआ।

अब हरियाणा सरकार ने पंचकूला में विकास दरें मोहाली की विकास दरों के लगभग समान कर दी है। अभी तक पंचकूला में आवासीय निर्माण के लिए 1.24 करोड़ प्रति एकड़ लाइसेंस फीस और दूसरे चार्जेज थे, जबकि मोहाली में यह चार्जेज मात्र 43.31 लाख थे। अब मुख्यमंत्री मनोहर लाल की घोषणा के अनुसार पंचकूला में आवासीय निर्माण के लिए 43.72 लाख रुपये प्रति एकड़ लाइसेंस फीस और दूसरे चार्जेज होंगे। रेजिडेंशियल ग्रुप हाउसिंग के रेट 3 करोड़ 46 लाख 75 हजार प्रति एकड़ से घटाकर 1 करोड़ 17 लाख 53 हजार कर दिए गए हैं। यह रेट मोहाली के 1 करोड़ 16 लाख 94 हजार से मात्र 59 हजार रुपये अधिक है। इसी प्रकार कॉमर्शियल कॉलोनी काटने के लिए पंचकूला में अब मात्र एक करोड़ 52 लाख प्रति एकड़ शुल्क चुकाना होगा। अभी तक यह दर 5 करोड़ 88 लाख रुपये प्रति एकड़ थी। मोहाली में यह दर 1 करोड़ 51 लाख 60 हजार रुपये प्रति एकड़ होने के कारण कॉलोनाइजर पंचकूला में रुचि नहीं लेते थे।

 एफोर्डेबल ग्रुप हाउसिंग के लिए शुल्क 89 लाख प्रति एकड़ से घटाकर 38.37 लाख प्रति एकड़ कर दिया गया है। पंचकूला में पेट्रोल पंप लगाने के लिए अब मात्र 43 लाख रुपये प्रति एकड़ चुकाने होंगे, अभी तक यह दर 3.42 करोड़ रुपये प्रति एकड़ थी। स्वास्थ्य सेवाओं के विकास के लिए भी मुख्यमंत्री ने जमकर दरियादिली दिखाई है। शहर में अस्पताल स्थापित करने के लिए शुल्क 77 लाख रुपये से घटाकर मात्र 17 लाख रुपये प्रति एकड़ कर दिया है।

 ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा मुख्यमंत्री की घोषणाओं में पंचकूला के सुनहरा भविष्य शीशे की तरह साफ दिखाई दे रहा है। अब यहां फिल्म सिटी, मेडिसिटी और शिक्षा का हब आसानी से विकसित किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि पंचकूला को स्मार्ट सिटी बनाने के प्रयास पुरजोर जारी है। 2 मार्च की घोषणाओं से इन प्रयासों को बल मिलेगा। गुप्ता ने निवेशकों से आह्वान किया है कि वे पंचकूला की बदलती हुई परिस्थितियों से लाभ उठाएं और यहां दिल खोल कर निवेश करें। उन्होंने कहा कि आज से जिस प्रकार की छूट पंचकूला में लागू हुईं हैं, उससे यहां न केवल अपने देश के बल्कि विदेशों से भी निवेश आने की संभावनाएं बन गई हैं।

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