भारत के प्रथम ‘ट्वॉय फेयर-2021’ के समापन अवसर पर बोले डिप्टी सीएम

राज्य सरकार एमएसएमई विभाग द्वारा खिलौना उद्योगों को बढ़ावा देगी, कारीगरों की करेगी मदद – दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़, 2 मार्च। हरियाणा सरकार का एमएसएमई विभाग राज्य के खिलौना-उद्योगों को बढ़ावा देने में मदद करेगा, इससे जहां हरियाणा के कारीगरों को उनका हूनर दिखाने का अवसर मिलेगा वहीं उनकी आमदनी बढने से आर्थिक स्तर में सुधार होगा।

हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला (जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है) ने आज भारत के प्रथम ‘ट्वॉय फेयर-2021’ (खिलौना-मेला) के समापन अवसर पर कहा कि राज्य सरकार ‘सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग’ के माध्यम से प्रदेश में ‘खिलौना-उद्योग’ को बढ़ावा देगी ताकि गांव से लेकर शहरों तक रहने वाले हर छोटे से छोटे खिलौना-निर्माता व कारीगर को लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि अभी तक मुख्य रूप से बहादुरगढ़, सोनीपत व मानेसर आदि स्थानों पर ही लकड़ी, मिट्टी,चमड़ा, स्टफड, कपड़ा आदि से निर्मित खिलौनों के उद्योग हैं, परंतु उन्हें उम्मीद है कि भारत के इस ‘ट्वॉय फेयर-2021’ से राज्य के अन्य क्षेत्रों में भी खिलौना-उद्योग पुष्पित व पल्लवित होगा। उन्होंने इस मेला को भारत के आत्मनिर्भर होने की दिशा में अहम कदम बताया।

दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार का पिछले दिनों ई-कॉमर्स के क्षेत्र में जानी-मानी तीन कंपनियों ‘ई.बे’, ‘पॉवर-टू-एसएमई’, ‘टे्रड इंडिया डॉट कॉम’ के साथ एमओयू हुआ था जिसका खिलौना-उद्योग के कारीगरों व उद्यमियों को भी फायदा होगा। इन कंपनियों के माध्यम से उनके उत्पाद राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विश्व के किसी भी कोने में खरीदे जा सकेंगे, इससे हमारे देश के निर्यात में भी बढ़ोतरी मिलेगी। उन्होंने कहा राज्य सरकार का मुख्य फोकस प्रदेश में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने, समावेशी और संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ाने पर है। राज्य के दूरदराज के हिस्सों में रहने वाले पारंपरिक कारीगरों की पहुंच अब सीमित नहीं रहेगी, बल्कि बिक्री बढऩे से उनको अंतर्राष्ट्रीय बाजार से अच्छी आमदनी भी होगी। उन्होंने कहा कि ई-कॉमर्स में एमएसएमई को नई मार्केट तक पहुंचाने की क्षमता है।

जैसा कि ज्ञात है भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गत 27 फरवरी को कोविड-19 के कारण वर्चुअली तौर पर भारत के प्रथम ‘ट्वॉय फेयर-2021’ का उदघाटन किया था। इस चार दिवसीय मेले में 10 राज्यों के करीब 1,000 खिलौना-निर्माताओं द्वारा अपने-अपने खिलौनों को प्रदर्शित किया गया।

You May Have Missed

error: Content is protected !!