रमेश गोयत

चंडीगढ़। टीजीटी अंग्रेजी-पीजीटी संस्कृत की भर्ती रद्द करने के खिलाफ और कच्चे कर्मियों को पक्का करने, पुरानी पेंशन डीए ,एलटीसी व छंटनीग्रस्त कर्मियों की बहाली आदि मांगों को लेकर कर्मचारी 26 फरवरी को प्रदेशभर में प्रर्दशन करेंगे।

भाजपा-जजपा सरकार की वादाखिलाफी और जन सेवाओं के किए जा रहे निजीकरण तथा कर्मचारियों की बड़े पैमाने पर की जा रही छंटनी के खिलाफ विभिन्न विभागों के कर्मचारी शुक्रवार को जिला मुख्यालयों पर सामूहिक धरने प्रदर्शन करेंगे। प्रदेश के कर्मचारियों के सबसे बड़े संगठन सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बेनर तले आयोजित इन प्रदर्शनों के बाद मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री के नाम प्रेषित 21 सूत्रीय मांग पत्र उपायुक्तों को सौंपे जाएंगे।

यह जानकारी देते हुए सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने बताया कि शुक्रवार को जिला मुख्यालयों पर होने वाले मास धरने-प्रदर्शनों की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। उन्होंने बताया कि सभी 22 जिलों में धरने प्रदर्शनों को संबोधित करने के लिए सकसं व विभागीय संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारियों की ड्यूटियां लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि धरने प्रदर्शन को लेकर कर्मचारियों उत्साह है और सरकार की कर्मचारियों की लंबित मांगों को लेकर बरती जा रही हठधर्मिता के खिलाफ भारी आक्रोश है।

सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के महासचिव सतीश सेठी ने बताया कि सरकार कर्मचारियों की लंबित जायज मांगों का समाधान करने की बजाय दमनात्मक कार्रवाई करके जले पर नमक छिड़कने का काम कर रही है। किसान आंदोलन का समर्थन करने पर दो जेबीटी टीचरों व एक प्रोग्राम आफिसर को निलंबित कर दिया गया है। सरकार ने प्री मेच्योर रिटायरमेंट और प्रमोशन व एसीपी में टेस्ट की शर्त लगा कर कर्मचारियों को दबाने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि सरकार एक एजेंसी को लेबर का ठेका देने के नाम पर कई कई सालों से विभिन्न विभागों में लगें ठेका कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर अपने चेहतों को लगाने का प्रयास कर रही है। जिसको बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।

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