युवाओं, किसानों, मजदूर वर्ग, मध्यम वर्ग, महिलाओं की आकांक्षाओं को बढ़ाने का काम करेगा
मोर्चा सकारात्मक बदलाव के लिए एजेंट होगा; आवाज को आवाज देने वाला एक मंच: डॉ. अशोक तंवर

रमेश गोयत

चंडीगढ़। डॉ. अशोक तंवर ने कहा कि सभी तरह से आज भारत अराजकता, भ्रम और अभूतपूर्व सामाजिक-राजनीतिक और पहचान के संकट के चौराहे पर है और आज भारत मोर्चा (एबीएम) का शुभारंभ भारत बनाने की शुरुआत को दर्शाता है, जो लचीला और समावेशी है। हरियाणा के सिरसा के पूर्व सांसद डॉ. तंवर ने कहा कि अपना भारत मोर्चा एक मूल्य चालित पहल है, जो संवाद, बहस और चर्चा के तीन स्तंभों के साथ काम करेगी, न केवल एकता के भारतीय लोकाचार को जोड़ने के लिए विविधता ही सही मायने में हमारे देश को आशा और पूर्ति का देश बनाने की नींव भी रखेगी।
गुरुवार को कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में आयोजित अपना भारत मोर्चा का शुभारंभ समारोह और किरीट प्रद्योत देब बर्मन-त्रिपुरा पीसीसी के पूर्व अध्यक्ष और देश भर के अन्य लोगों सहित युवाओं और अन्य समान विचारधारा वाले नेताओं ने भाग लिया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड, राजस्थान, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्टÑ, पश्चिम बंगाल, बिहार, गुजरात और ओडिशा से बड़ी संख्या में लोग आॅनलाइन लॉन्च इवेंट में शामिल हुए।

डॉ. तंवर ने अपना भारत मोर्चा शुरू करने की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि दुर्भाग्य से, भारत एक निराशाजनक माहौल में फंस गया है। युथ और उनकी आकांक्षाओं को आपराधिक रूप से नजरअंदाज किया जाता है। सकारात्मक ऊर्जाओं को बढ़ाने और हमारे युवाओं की आकांक्षाओं को पूरा करने और उन्हें बढ़ावा देने के लिए एक मंच की आवश्यकता थी, जो राष्टÑ की रीढ़ हैं।

तंवर ने कहा ने कहा कि अपना भारत मोर्चा सकारात्मक बदलाव के लिए एक एजेंट होगा और आवाज को आवाज देने के लिए एक मंच होगा। यह विविध आवाजों और दृष्टिकोणों को समेकित करने के लिए एक गतिशील, मूल्य-आधारित मंच होगा, जो मुख्यधारा के राजनीतिक दलों द्वारा उपेक्षित हैं। यह वैचारिक शून्य के अत्याचार और वर्तमान नेतृत्व की उदासीनता के खिलाफ एक आंदोलन है।

पूर्व संसद सदस्य ने कहा कि हमारा ध्यान देश के समग्र और समावेशी विकास पर होगा। हमारा नारा है नई सोच, नई दिशा, और नई रजनीति। (नई सोच, नई दिशा और नई राजनीति)। मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत अपनी समग्र संस्कृति के अनुकूल होने से ही अन्य देशों के लिए एक उदाहरण बन सकता है। हम देशभक्ति में विश्वास करते हैं, लेकिन पारसी राष्टÑवाद में नहीं, जो हमारे अपने लोगों को जाति, क्षेत्र और धर्म के आधार पर विभाजित करता है।

डॉ. तंवर ने अपने संकल्प को दोहराते हुए और दृष्टि दस्तावेज के अनावरण के लिए कहा कि यह प्रगतिशील, लोकतांत्रिक, उदार और तार्किक आवाजों का एक मंच होगा। हम पूँजी में विश्वास करते हैं, न कि क्रोनी पूँजीवाद में। हम अवसरों में विश्वास करते हैं, अवसरवाद में नहीं। हम जाति के खिलाफ नहीं हैं। हम जातिवाद के खिलाफ हैं। हम स्वाभिमान और सम्मान की राजनीति में विश्वास करते हैं। राजनीति का नकारात्मक अर्थ नहीं होना चाहिए। अपना भारत मोर्चा सभी हितधारकों के लिए वास्तव में मूल्य आधारित मोर्चा बनने जा रहा है।

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