भिवानी/धामु

 भिवानी में आज शनिवार को सेठ किरोड़ीमल चैरीटी ट्रस्ट को लेकर चल रहे विवाद में एक नया मोड़ आ गया। छत्तीसगढ़ हेड ऑफिस से आये सेठ किरोड़ीमल चैरीटी ट्रस्ट के टस्ट्रियों ने विधायक व अन्य पर गलत रूप से ट्रस्टी बनने का आरोप लगाया है।

सेठ किरोड़ीमल चैरीटी ट्रस्ट, रायगढ़ के ट्रस्टी मनीष सिंघानिया ने बताया कि उनका लंबे समय से ट्रस्ट को लेकर मामला रायगढ़ न्यायालय में चल रहा है। तीन ट्िरस्टयों के होते हुए ही ट्रस्ट के नए सदस्य मनोनीत किए जा सकते हैं। लेकिन सेठ कालीचरण की मृत्यु के बाद भिवानी में बगैर ट्रस्ट हेड ऑफिस के सूचना दिये भिवानी में अलग से सेठ किरोड़ीमल ट्रस्ट के पांच ट्रस्टी बन गये। जो ट्रस्ट के नियमों के खिलाफ है।

17 अगस्त 2020 को कालीचरण केसान ने किरोड़ी मल ट्रस्ट के लिये जो पांच सदस्य मनोनीत किए, वे अपने आप को ट्रस्टी बताकर सेठ किरोड़ीमल ट्रस्ट की सम्पत्ति को हड़पना चाहते हैं व नगर में वैमनस्य फैलाकर गलत इरादों से सेठ किरोड़ीमल के नाम को धूमिल कर रहे हैं। इस ट्रस्ट में कुल सात ट्रस्टी हो सकते हैं। जबकि पांच ट्रस्टी ट्रस्ट का कार्य सुचारू रूप से निर्बाध ढंग से करते चले आ रहे हैं। यदि ये पांच ट्रस्टी और अंकित हो जाये तो ट्रस्टियों की संख्या दस हो जाती है, जो ट्रस्ट के मूल संविधान के विरूद्ध है। सेठ किरोड़ी मल ट्रस्ट की भारत संघ में जो भी सम्पत्तियां हैं, उन सब पर ट्रस्ट का ही स्वामित्व है व रमेश कुमार मोड़ा ट्रस्ट के विधिवत चेयरमैन होते हैं। तथाकथित नियुक्त ट्रस्टीगण ने सेठ किरोड़ीमल ट्रस्ट कार्यालय में जाकर जो अंसवैधानिक कार्य किया व कर्मचारियों के जबरन हस्ताक्षर करवाएं, वह सीधा राजनैतिक दबाव व बाहुबल की प्रकाष्ठा है।

ट्रस्ट की सम्पत्ति में कालीचरण केसान का दाह संस्कार करना भी उनका आपराधिक कृत्य है, क्योंकि ट्रस्ट ने इस सम्बंध में हरियाणा सरकार को व स्थानीय अधिकारियों को अवगत करवा दिया गया था। लेकिन विधायक के दबाव में उस पर कोई संज्ञान ना लिया गया। यही नहीं विधायक की मौजूदगी में जबरदस्ती केएम शिशु विहार के 17 ताले विधायक ने स्वयं तुड़वाये व संस्था के चौकीदार को आपराधिक मामले में बंद करवाने की भी धमकी दी।

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