हिंदी भाषा में पुस्तकों का प्रकाशन व विपणन कार्य अब हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा किया जाएगा

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (ए आई सी टी ई ) द्वारा तकनीकी शिक्षा की हिंदी भाषा में तैयार की जाने वाली पुस्तकों का प्रकाशन व विपणन कार्य अब हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा किया जाएगा।               

उक्त प्रकाशन व विपणन के संदर्भ में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद व हरियाणा ग्रंथ अकादमी के मध्य नई दिल्ली में एक समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया गया। नई दिल्ली में अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के तकनीकी शिक्षा संबंधी प्लेटफार्म नीट 2.0 के लोकार्पण समारोह में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के उपाध्यक्ष व निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान व अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के सदस्य सचिव प्रो. राजीव कुमार  ने समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया।समझौता ज्ञापन केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ की डिजिटल उपस्थिति में किया गया। इस दौरान अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे भी मौजूद रहे।

 उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने तकनीकी शिक्षा से संदर्भित विभिन्न विषयों पर विशेषज्ञों द्वारा  हिंदी भाषा में पांडुलिपियां तैयार करवाई गई हैं। इस संदर्भ में हरियाणा ग्रंथ अकादमी के निदेशक डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान ने बताया कि विशेषज्ञों के मूल्यांकन के उपरांत पांडुलिपियों का प्रकाशन व विपणन कार्य हरियाणा ग्रंथ अकादमी द्वारा किया जाएगा।

इसके अतिरिक्त बहुतकनीकी संस्थानों के लिए तैयार किए गए मॉडल पाठ्यक्रम के अंतर्गत भविष्य में लिखी जाने वाली पुस्तकों का प्रकाशन कार्य भी अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद व हरियाणा ग्रंथ अकादमी संयुक्त रूप से करने के लिए सहमत हुए हैं। डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री व हरियाणा ग्रंथ अकादमी के अध्यक्ष श्री मनोहर लाल के मार्गदर्शन में विभिन्न विषयों की हिंदी भाषा में पुस्तकें उपलब्ध करवाने के कार्य को विस्तार दिया जा रहा है।            

अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के अध्यक्ष प्रो. अनिल डी. सहस्रबुद्धे का कहना है कि अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद व हरियाणा ग्रंथ अकादमी के मध्य हुए समझौता ज्ञापन के परिणामस्वरूप तकनीकी शिक्षा क्षेत्र में हिंदी भाषा की उपयोगिता को विस्तार मिलेगा।

डॉ. वीरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि समझौता ज्ञापन के अंतर्गत परिषद द्वारा अकादमी को दी जानी वाली पांडुलिपियों को दो माह की समयावधि में पुस्तकों के रूप में प्रकाशित कर विद्यार्थियों व शिक्षकों के उपयोग के लिए सस्ती दरों पर उपलब्ध करवा दिया जाएगा। हरियाणा ग्रंथ अकादमी केंद्र के परिभाषिक शब्दावली आयोग के वित्तीय सहयोग से बहुतकनीकी शिक्षा की हिंदी भाषा की पुस्तकों के प्रकाशन की एक योजना पर पहले से ही कार्य कर रही है।

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