सीकर के खंडेला उपखंड क्षेत्र में एक दुर्लभ प्रजाति के पक्षी मिलने का मामला सामने आया है. सूचना पाकर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और उस पक्षा का रेस्क्यू किया. इस बारे में क्षेत्रीय वन अधिकारी देवेंद्र सिंह राठौड़ ने जानकारी दी. खंडेला (सीकर) । राजस्थान में सीकर जिले के खंडेला उपखंड क्षेत्र में पहली बार दुर्लभ प्रजाति के इंडियन ईगल आउल देखा गया, जिसकी पुष्टि वन विभाग के अधिकारियों ने की है. गांव रामपुरा प्याऊ ढूढालिया की ढाणी के पास खेत की तारबंदी में एक दुर्लभ पक्षी फंसा हुआ देखा गया. जिसकी सूचना वन विभाग को दी गई. सूचना पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची और इंडियन ईगल आउल का रेस्क्यू किया. जिसके बाद पक्षी को अस्पताल लेकर आए, जिसका उपचार करवाकर रेस्क्यू सेंटर में रखा गया. क्षेत्रीय वन अधिकारी देवेंद्र सिंह राठौड़ ने जानकारी देते हुए बताया कि यह पक्षी इंडियन ईगल आउल है, जो क्षेत्र में पहली बार देखा गया है. इंडियन ईगल आउल जिसे रेड ईगल आउल या बंगाल ईगल आउल भी कहा जाता है. बड़े आकार के हानई आउल का एक उप प्रजाति है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में पाई जाती है. खासकर पहाड़ी जंगलों में आमतौर पर जोड़े में नजर आने वाले ये पक्षी भूरे और सलेटी पंखों व गले पर सफेद धब्बों और काली धारियों से पहचाने जाते हैं. इस प्रजाति को यूरेनियम ईगल आउल बूबो बूबो की उप प्रजाति माना जाता है. इनका रंग रूप समान होता है. Post navigation किधर है लोकतंत्र…! दिख जाए तो मिलवाने जरूर लाइएगा। क्या यही है जनता का, जनता के द्वारा, जनता के लिए चुना गया लोकतंत्र…??