-मानव आवाज संस्था के प्रयासों से एनजीटी ने उठाया ठोस कदम-डीएलएफ फेज-1 में पेट्रोल पंप लगाने को नगर निगम ने लीज पर दी थी जमीन-नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में गुरुग्राम। गुरुग्राम के डीएलएफ फेज-1 में वन विभाग के क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने को नगर निगम द्वारा लीज पर दी गई जमीन के चर्चित मामले में अब राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने संज्ञान लिया है। गुरुग्राम की मानव आवाज संस्था इस मामले को एनजीटी पहुंची थी। हालांकि पूर्व में यह मामला हरियाणा सरकार के संज्ञान में भी लाया गया था, लेकिन सरकार ने इस पर किसी भी तरह की कार्यवाही करने में कोई रुचि नहीं दिखाई। यह जानकारी मानव आवाज संस्था के संयोजक अभय जैन एडवोकेट ने सोमवार को यहां पत्रकार वार्ता में दी। अभय जैन एडवोकेट ने बताया कि 15 मार्च 2019 को यहां डीएलएफ फेज-1 में गुरुग्राम नगर निगम ने वन विभाग के क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने के लिए 1500 स्क्वेयर मीटर क्षेत्रफल में जमीन लीज पर दी थी। वहां पर इंडियन ऑयल कारपोरेशन (आईओसी) कंपनी का पेट्रोप पंप लगाया जाना था। वन विभाग के नियमों के मुताबिक ऐसा नहीं किया जा सकता। वन विभाग के क्षेत्र में कोई भी व्यवायिक गतिविधि नहीं की जा सकती। अभय जैन एडवोकेट के मुताबिक इस मामले को पूर्व में भी प्रमुखता से उठाया गया था। गुडग़ांव सिटीजन काउंसिल की ओर से पार्षद आरएस राठी और आईएम गुडग़ांव संस्था की ओर से पेट्रोल पंप लगाए जाने का खूब विरोध किया था। आरएस राठी ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल, मुख्य सचिव हरियाणा को पत्र लिखकर शिकायत दी थी कि इस पंप को यहां लगने से रोका जाए, लेकिन सरकार ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। कुछ दिन पहले गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला ने भी सरकार को चि_ी लिखकर इस मामले से अवगत कराया और पेट्रोल पंप को रद्द करने की बात कही। सरकार ने इस बार भी कुछ नहीं किया। अभय जैन एडवोकेट के मुताबिक उन्होंने संस्था की ओर से राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) में इस मामले को लेकर गए। रिषभ जैन एडवोकेट ने मानव आवाज की ओर से इसकी पैरवी की। एनजीटी में रिषभ जैन ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के पूर्व में एमसी मेहता बनाम यूनियन ऑफ इंडिया के सुप्रीमकोर्ट में चले केस का हवाला देते हुए कहा कि वन विभाग की जमीन पर किसी भी तरह की व्यवसायिक गतिविधि नहीं की जा सकती। इसलिए इस पेट्रोप पंप को रद्द किया जाए। अब यही आदेश गुरुग्राम में वन विभाग की जमीन पर लगाए जा रहे पेट्रोल पंप के मामले में भी लागू होते हैं।अब 9 फरवरी 2021 को एनजीटी में इस मामले की सुनवाई हुई। इस पर संज्ञान लेते हुए एनजीटी ने आदेश पारित किए हैं कि गुरुग्राम नगर निगम ने वन विभाग क्षेत्र में पेट्रोल पंप लगाने की अनुमति देकर गलत काम किया है। नियमों को ताक पर रखकर यह काम किया गया है। साथ ही एनजीटी ने गुरुग्राम के उपायुक्त तथा मंडल वन अधिकारी को निर्देश दिए हैं कि इस मामले में दो माह में जांच करके पूरी रिपोर्ट पेश करें। इस मौके पर मानव आवाज संस्था के सलाहकार एवं गुडग़ांव उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष जेएन मंगला, महामंत्री मनीष वर्मा, जैन समाज से देवेंद्र जैन, समाजसेवी अभय पूनिया, दिलबाग सिंह, जगत यादव, संजय जैन, अनिल यादव आदि गणमान्य सदस्य मौजूद रहे। Post navigation मेवात में भी बजेगी रेल की सीटी -केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह काले कानूनों से मंडियों को ख़त्म करना चाहती है सरकार-चौधरी संतोख सिंह।