आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर शिक्षा निदेशालय की डिप्टी डॉयरेक्टर पर दो मामलों में किया 45750 रुपये जुर्माना, सैलरी से कटेगा जुर्माना
-प्रदेश भर के 3200 अस्थायी मान्यता वाले निजी स्कूलों को हर साल एक्सटेंशन देने पर मांगी थी जानकारी -स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार की शिकायत पर राज्य सूचना आयोग ने किया जुर्माना

भिवानी, 09 फरवरी। राज्य सूचना आयोग ने हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय की डिप्टी डॉयरेक्टर इंद्रा बैनीवाल पर दो मामलों में सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराने पर जुर्माना ठोका है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने प्रदेश भर में चल रहे 3200 अस्थायी मान्यता प्राप्त निजी स्कूलों को हर साल एक्सटेंशन दिए जाने संबंधी मामले में आरटीआई से सूचना मांगी थी, मगर दोनों ही मामलों में कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई।

राज्य सूचना आयोग ने एक मामले में 25 हजार व दूसरे मामले में 20750 रुपये का जुर्माना ठोका है। डीडीओ को भी आदेश दिए हैं कि जुर्माना राशि उक्त अधिकारी की सैलरी से काटा जाएगा।  25 फरवरी तक सूचना उलब्ध कराए जाने के भी आदेश दिए हैं। 

स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने 9 नवंबर 2019 को हरियाणा सेकेंडरी शिक्षा निदेशालय से प्रदेशभर में चल रहे 3200 अस्थायी मान्यता वाले स्कूलों को एक्सटेंशन दिए जाने संबंधी जानकारी जनसूचना अधिकार अधिनियम के तहत मांगी थी। निदेशालय ने निर्धारित अवधि में सूचना नहीं दी। इस पर 10 दिसंबर को प्रथम अपील की गई। इसी मामले में सूचना नहीं मिलने पर 7 मार्च 2020 को द्वितीय अपील लगाई। मगर फिर भी सूचना नहीं मिली। इसी मामले में 21 जुलाई को राज्य सूचना आयोग ने आरटीआई की जानकारी कार्यकर्ता को उपलब्ध कराने के आदेश दिए। इसी मामले में आयोग ने 27 अक्तूबर को फिर से सुनवाई की। सूचना नहीं देने पर व्यक्तिगत पेश होने और सोकाज नोटिस दिया गया। मगर इसके बाद भी सूचना नहीं दी।

सूचना आयोग ने 25 जनवरी को मामले में सुनवाई कर सूचना नहीं देने पर डिप्टी डायरेक्टर इंद्रा बैनीवाल पर 20750 रुपये जुर्माना ठोका। जुर्माना राशि डीडीओ द्वारा उक्त अधिकारी की सैलरी से काटे जाने के आदेश दिए। इसी तरह दूसरे मामले में राज्य सूचना अधिकारी कम डिप्टी डॉयरेक्टर इंद्रा बैनीवाल पर सूचना उपलबध नहीं कराए जाने पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। इस जुर्माना राशि को भी उनके वेतन से काटा जाएगा। आयोग ने 25 फरवरी तक हर हाल में सूचना देने के भी आदेश दिए हैं।