जल्दी कराए जा सकते हैं उप चुनाव ।

धर्मपाल वर्मा

चंडीगढ़।हरियाणा में आज भारतीय जनता पार्टी के 40 विधायक हैं। प्रदेश में दो उपचुनाव कालका और ऐलनाबाद में होने हैं। इन दोनों सीटों पर कहीं भी भाजपा का विधायक नहीं था । सब जानते हैं कि ऐलनाबाद से इंडियन नेशनल लोकदल के अभय सिंह चौटाला और कालका से कांग्रेस के प्रदीप चौधरी विधायक थे। इसलिए भाजपा को अपना कुनबा बढ़ाने का मौका मिल सकता है और यदि मौजूदा आंदोलन के दौरान होने वाले उपचुनाव मैं भारतीय जनता पार्टी जीत दर्ज करने में कामयाब होती है तो फिर पूरे देश में यह संदेश जाएगा कि भारतीय जनता पार्टी से नाराज नहीं है आंदोलन का भारतीय जनता पार्टी की लोकप्रियता पर कोई फर्क नहीं पड़ा है ।

राजनीतिक अवस्थाएं और योजनाएं लगातार बदलती रहती है कल कुछ था आज कुछ है। इस संदर्भ में दिल्ली में जो गतिविधियां चल रही हैं खासतौर पर भारतीय जनता पार्टी के नेता जिस योजना पर काम कर रहे हैं उसे सुनकर आप यह मान जाएंगे कि भारतीय जनता पार्टी वास्तव में एक कैलकुलेटिव पार्टी है।

सूत्र बता रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी के नेता कालका और ऐलनाबाद में पार्टी से बाहर के दो ऐसे नेताओं को भारतीय जनता पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ाने की योजना पर गंभीरता से विचार कर रही है इनमें दोनों नेता गैर जाट प्रभावशाली और धनाढ्य व्यक्ति हैं और भाजपा की योजना है कि ऐसा करके दोनों चुनाव जीते जा सकते हैं और इस फार्मूले से दो उपचुनाव जीतकर तीन विधायक बनाए जा सकते हैं और दो पार्टियों का भाजपा में विलय लेकर जा सकता है।

अब जानिए प्लान वह यह बताया गया है कि भाजपा कालका से पूर्व मंत्री विनोद शर्मा और ऐलनाबाद से गोपाल कांडा के भाई गोविंद कांडा को चुनाव लड़ाया जाए ।

कालका से विनोद शर्मा की पत्नी शक्ति रानी 2014 का चुनाव लड़ चुकी है इस क्षेत्र में ब्राह्मण मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है और कई मामलों में यह क्षेत्र विनोद शर्मा के लिए माकूल है।
उधर ऐलनाबाद में भी भारतीय जनता पार्टी वही जाट गैर जाट के फार्मूले को अप्लाई कर सकती है जब कांग्रेस का जाट उम्मीदवार हो और इनेलो का भी जाट तो ऐसे में भाजपा का गैर जाट धनाढ्य व्यक्ति सीट निकाल दे तो किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा ऐलनाबाद में भी गैर जाट मतदाताओं की बहुत बड़ी संख्या है। सवाल यह है कि यदि ऐलनाबाद में भाजपा उम्मीदवार और हरियाणा लोकहित पार्टी के विधायक गोपाल कांडा का भाई चुनाव जीतता है तो फिर योजना के अनुसार गोपाल कंडा अपनी पार्टी का भारतीय जनता पार्टी में विलय कर देंगे इस प्रकार गोविंद कांडा और गोपाल कांडा के भाजपा में आने से विधायक संख्या 40 से सीधी 42 हो जाएगी उसके बाद विनोद शर्मा कालका से जीतते हैं तो उनकी पार्टी जनचेतना पार्टी का भी भाजपा में विलय हो जाएगा और भाजपा के विधायकों की संख्यां 43 हो जाएगी । एक हकीकत और भी है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल नहीं चाहेंगे कि रामविलास शर्मा जो कालका से चुनाव लड़ने की योजना पर काम कर रहे हैं अपने मकसद में कामयाब हो पाए वह लतिका शर्मा की भी पक्षधर नहीं है ऐसे में विनोद शर्मा को लेकर आने के एक नहीं कई मतलब होंगे।।

उधर झज्जर जिले में बादली में भी उपचुनाव के आसार बन रहे हैं यदि वहां भी चुनाव होता है तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ओमप्रकाश धनखड़ को विधायक बना कर लाने की सभावना बनेगी । हरियाणा में भाजपा के कुल विधायकों की संख्या 44 तक जाने के आसार बनेंगे । इसमें कोई संदेह नहीं है कि भारतीय जनता पार्टी जननायक जनता पार्टी की दुर्दशा को अपने सर पर नहीं चाहती । यह मास्टर प्लान है। जिस दिन भारतीय जनता पार्टी की विधायक 44 की संख्या तक पहुंच जाएंगे, उस दिन दादा गौतम सहित 7- 8 जेजेपी विधायक भी भाजपा में कूद गए तो फिर भी किसी को कोई आश्चर्य नहीं होगा।

वैसे उपरोक्त फार्मूले पर भाजपा के हरियाणा की एक राज्यसभा सांसद भाजपा की हरियाणा की सह प्रभारी और कई अन्य नेता काम कर रहे हैं। इसलिए यह मानकर चला जा सकता है कि विधानसभा के मामले में जहां भूपेंद्र सिंह हुड्डा अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कर रहे हैं वहीं भारतीय जनता पार्टी अपने विधायकों की संख्या बढ़ाने पर काम कर रही है इसलिए हरियाणा की राजनीति अब बहुत ही रोचक होने जा रही है और हाल में ही मंत्रिमंडल का विस्तार या फेरबदल हो गया तो फिर यह रोचकता और बढ़ जाएगी।

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