शत्रुघ्न ने कहा कि अगर कलाकार प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो राजनीति न करें, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर बात रखें. तापसी पन्नू, एकता कपूर, अजय देवगन, अक्षय कुमार, करण जौहर, कंगना रनौत, दिलजीत दोसांझ, सुनील शेट्टी ने भी ट्वीट किया है. दिल्ली: किसान आंदोलन को लेकर पॉप सिंगर रिहाना और पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के ट्वीट को लेकर विवाद बढ़ गया है. सियासत ही नहीं, बॉलीवुड और खेल जगत में भी इसको लेकर अलग-अलग राय सामने आ रही है. कांग्रेस नेता और बॉलीवुड कलाकार शत्रुघ्न सिन्हा ने भी इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया दी है. शत्रुघ्न सिन्हा ने शुक्रवार को कहा कि कृषि कानून सिर्फ देश का मामला नहीं रहा है, पूरी दुनिया में इसकी चर्चा हो रही है. पीएम मोदी ने खुद अमेरिका जाकर अबकी बार ट्रंप सरकार कार्यक्रम किया था. कोरोना काल के बीच डोनाल्ड ट्रंप को भारत बुलाया गया था. नाजीवाद को लेकर पूरी दुनिया ने अपनी राय रखी तो इसमें गलत क्या है. शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि अगर पीएम कहते हैं कि पूरी दुनिया एक ग्लोबल कम्युनिटी बन चुकी हैं, तो इसमें गलत क्या है. अगर कोई सिर्फ ट्वीट कर समर्थन करता है तो इसमें विवाद क्यों है. रिहाना ने तो यही कहा है कि इस मुद्दे की चर्चा क्यों नहीं हो रही है. 70 दिनों से किसान कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहा है तो इसमें संप्रभुता की बात कहां आती है. बॉलीवुड कलाकारों और खिलाड़ियों के बयान पर शत्रुघ्न ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तो है, लेकिन भय, दबाव, जोर या घबराहट की वजह से लोग बयान देते हैं. अगर ये लोग पहले बोलते तो अच्छा होता. ये राग दरबारी या राग सरकारी लोग हैं. उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि कल दूसरी सरकार भी आ सकती है. सोनाक्षी सिन्हा को किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट करने के सवाल पर शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि सोनाक्षी बहुत संस्कारी और बहादुर लड़की है और सिद्धांतों पर बहुत अडिग रहती है. किसान परिवारों के लिए उसमें काफी संवेदना है. शत्रुघ्न ने कहा कि अगर कलाकार प्रतिक्रिया देना चाहते हैं तो राजनीतिक न करें, बल्कि सामाजिक मुद्दों पर करें. तापसी पन्नू, एकता कपूर, अजय देवगन, अक्षय कुमार, करण जौहर, कंगना रनौत, दिलजीत दोसांझ, सुनील शेट्टी ने भी ट्वीट किया है. तापसी पन्नू के इस ट्वीट पर कहा कि किसी के ट्वीट से हमारी नींव कमजोर नहीं हो जाती. शत्रुघ्न के मुताबिक, तापसी पन्नू खुद्दार लड़की है. कलाकारों और खिलाड़ियों को सिर्फ सरकारी पक्ष की बात नहीं रखनी चाहिए. प्रवासी मजदूरों की तरह सरकार किसानों की नहीं सुनी रही है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बयान पर शत्रुघ्न ने कहा कि सरकार पूछ रही है कि इसमें क्या काला कानून है. लेकिन सरकार बताए कि इसमें क्या किसानों के हित में है. शत्रुघ्न ने कहा कि फिल्म इंडस्ट्री कभी किसी मुद्दे या सामाजिक समस्या को लेकर एकजुट होकर सामने नहीं आई है, इसका उन्हें दुख है. फ़िल्म इंडस्ट्री में प्यार मोहब्बत फ़िल्मों में ही पाई जाती है, सिर्फ़ रील लाइफ़ में मिलती है, रियल लाइफ़ में नहीं. Post navigation चक्काजाम के दौरान ‘क्या करें और क्या नहीं’, संयुक्त किसान मोर्चा ने जारी किए जरूरी दिशानिर्देश.. खत्म हुआ किसानों का 3 घंटे का देशव्यापी ‘चक्का जाम’, दिल्ली में पुख्ता रही सुरक्षा व्यवस्था