चण्डीगढ, 5 फरवरी:-हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ की राज्य कमेटी की बैठक 4 फरवरी को युनियन मुख्यालय हिसार में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता राज्य प्रधान दलबीर किरमारा व संचालन महासचिव आजाद गिल ने किया। बैठक में राज्य कमेटी के सभी सदस्यों ने हिस्सा लिया। बैठक में रोङवेज की वर्तमान हालात व कृषि कानूनों के विरोध में लगातार चल रहे किसान आन्दोलन पर विस्तार से चर्चा करते हुए आगामी रणनीति तय की गई।

राज्य प्रधान दलबीर किरमारा व वरिष्ठ राज्य उप प्रधान बलवान सिंह दोदवा ने बैठक को सम्बोधित करते हुए कहा कि परिवहन मन्त्री श्री मूलचंद शर्मा जी के साथ रोङवेज युनियनों की कई दौर की वार्ता हो चुकी है तथा हर बार मन्त्री जी ने रोङवेज कर्मचारियों की लम्बित पङी मांगो जैसे कि परिवहन विभाग में बसों का बेङा बढाने,4साल के बकाया पङे बोनस का भुगतान करने,
वर्ष 2002 में लगे कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से रैगुलर करने,वर्ष 2016 में विभागीय सभी शर्तें पास करके भर्ती हुए चालकों को नियुक्ति तिथि से रैगुलर करने,तकनीकी वेतनमान से वंचित सभी कर्मशाला कर्मियों को तकनीकी स्केल हैल्पर पद से देने,कर्मशाला कर्मचारियों के काटे गये राजपत्रित अवकाशों को पुनः बहाल करने,परिचालकों के ग्रेड पे को अपग्रेड करने,मुख्य निरीक्षक व स्टेशन सुपरवाईजर के खाली पङे सभी पदों पर प्रमोशन करने तथा मुख्य कारपेन्टर व मुख्य ब्लैकस्मिथ की पदोन्नति के नियमों में संशोधन करके एसएसआई के पद पर पदोन्नति करने आदि मुख्य मांगो को तुरंत लागू करने का आश्वासन दिया था लेकिन बङे अफसोस की बात है कि आज तक एक भी मांग का समाधान नहीं हुआ है बल्कि इसके विपरीत परिवहन अधिकारियों द्वारा कोरोना महामारी के भय से सवारीयां कम मिलने तथा किसान आन्दोलन के कारण सीधे रास्ते बन्द होने के बावजूद चालकों को कम केएमपीएल व परिचालकों को कम रिसीट लाने के नाम पर चार्जशीट करके मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है।

जिसके कारण कर्मचारियों में भारी रोष पनप रहा है। सरकार की हठधर्मिता के विरोध में तथा लम्बित पङी सभी मांगो को लागू करवाने के लिए हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ द्वारा 10 फरवरी से कर्मचारी बचाओ, विभाग बचाओ अभियान चलाया जायेगा तथा एक टीम के रूप में प्रदेश के सभी डिपो व सब डिपुओं का दौरा करके गेट मिटींगो के माध्यम से कर्मचारियों को अपनी मांगो के प्रति जागरूक करते हुए सरकार के उदासीन व तानाशाही रवैये की पोल खोली जायेगी।

बैठक को सम्बोधित करते हुए किरमारा,दोदवा व गिल ने बताया कि अपनी जमीन व फसलों को बचाने के लिए तीन काले कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए लगभग 71 दिनों से लगातार किसानों द्वारा चलाया जा रहा आन्दोलन बिलकुल जायज़ है तथा हरियाणा रोङवेज संयुक्त कर्मचारी संघ इसका पुरजोर समर्थन करता है। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक इन काले कानूनों को रद्द करवाने के लिए कडाके की ठण्ड में सडकों पर बैठकर आन्दोलन को मजबूती देने का काम कर रहे हैं तथा ठण्ड के कारण सैंकड़ों युवा व बुजुर्ग अपनी जान गंवा चुके हैं। केन्द्र सरकार की किसानों के साथ 10-11दौर की वार्ता हो चुकी है लेकिन सरकार हर बार टाल मटोल का रवैया अपनाकर आन्दोलन को खत्म करवाने की बजाय और ज्यादा लम्बा बढाने का काम कर रही है।

अब यह किसान आन्दोलन नहीं बल्कि जनआंदोलन बन चूका है तथा हर वर्ग किसान आन्दोलन के समर्थन में उतर चूका है। उन्होंने बताया कि सरकार कृषि कानूनों को लागू करने के साथ-साथ रेलवे,विमानन सेवा, बिजली,स्वास्थ्य,एलआईसी, रोङवेज व अन्य मुख्य विभागों का निजीकरण करके अपने चहेते पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना चाहती है जिसका युनियन डटकर विरोध करती है। इसलिए केन्द्र सरकार से अपील करती है कि जन भावनाओं को देखते हुए अपनी हठधर्मिता छोड़कर तुरन्त संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाकर तीनों कृषि कानूनों को रद्द करके आन्दोलन को खत्म करवाने का काम करे। अगर सरकार ने ऐसा नहीं किया तो युनियन किसान आन्दोलन के समर्थन में 15 फरवरी को सुबह 11 से दोपहर 1बजे तक दो घंटे का प्रदर्शन करते हुए धरना देगी। जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार की होगी।

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