चौ. रणबीर सिंह हुड्डा का पूरा जीवन देश के लिए संघर्ष और जनसेवा को रहा समर्पित- हुड्डा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने आम बजट पर दी प्रतिक्रियाकृषि बजट घटाकर, डीजल-पेट्रोल पर सेस लगाकर किसान की आमदनी कैसे दोगुनी होगीकहा- महंगाई और निजीकरण को बढ़ावा देने वाला है बजट, आम आदमी पर पड़ेगी महंगाई की मार 1 फरवरी, रोहतकः आज महान स्वतंत्रता सेनानी, संविधान निर्माण सभा के सदस्य और गांधीवादी विचारक चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा जी की पुण्यतिथि के मौक़े पर रोहतक में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने चौधरी रणबीर सिंह जी के समाधि स्थल पर पहुंच कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। समस्त हुड्डा परिवार, सगे-संबंधी और कांग्रेसजनों समेत तमाम लोग समाधि स्थल पर अपने श्रद्धासुमन अर्पित करने पहुंचे। इस मौक़े पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा का पूरा जीवन देश के लिए संघर्ष और जनसेवा को समर्पित रहा। उन्होंने हर वर्ग के कल्याण के लिए काम किया। उन्होंने देश को आज़ाद करवाने के लिए अंग्रेज़ों के विरूद्ध लड़ाई लड़ी। आज़ादी के बाद भी देश कल्याण का ये सिलसिला जारी रहा। उन्होंने अलग-अलग पदों पर रहते हुए किसान, मजदूर, ग़रीब, वंचित हर तबके की आवाज़ उठाई और उन्हें अधिकार देने की वकालत की। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने किसान आंदोलन का ज़िक्र करते हुए कहा कि देश में सबसे पहले फसलों के एमएसपी की मांग चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा ने उठाई थी। 2 अगस्त 1950 को संविधान सभा में उन्होंने किसानों को फसल के उचित दामों का मुद्दा उठाया था। जिसे लाल बहादुर शास्त्री की सरकार के दौरान अमल में लाया था । भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इसके बाद एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। इस मौक़े पर उन्होंने आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये निजीकरण और महंगाई को बढ़ाने वाला बजट है। कृषि बजट में करीब 6% की कमी कर दी गई है। पेट्रोल, डीज़ल और गैस पर अतिरिक्त टैक्स से महंगाई की मार सीधे आम आदमी पर पड़ेगी। कृषि बजट घटाकर, डीजल-पेट्रोल पर सेस लगाकर किसान की आमदनी कैसे दोगुनी होगी। फर्टिलाइजर की सब्सिडी में 40 की कमी होने से किसान की लागत बढ़ेगी। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री किसान योजना के बजट में भी 10 हज़ार करोड़ की कटौती करके किसान विरोधी फ़ैसला लिया गया। कोरोना, लॉकडाउन और मंदी से परेशान हर वर्ग को बजट से राहत की उम्मीद थी। लेकिन वित्त मंत्री के बजट भाषण से किसान, मजदूर, कर्मचारी, दुकानदार, छोटा कारोबारी और गृहणी बजट से पूरी तरह निराश हुए हैं। हुड्डा ने कहा कि एक के बाद एक तमाम सरकारी संपत्तियों को निजी हाथों में सौंपाकर सरकार व्यापक निजीकरण की तरफ बढ़ रही है। पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार को किसानों से जल्द बातचीत करके उनकी मांगे माननी चाहिए। सरकार को समझना चाहिए कि 3 क़ानूनों से किसान ख़ुश नहीं हैं, इन्हें जल्द वापिस लेना चाहिए। 3 तारीख़ को होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक के बारे में उन्होंने बताया कि इसमें एपीएमसी एक्ट में संशोधन को लेकर चर्चा की जाएगी। कांग्रेस एक्ट में एमएसपी की गारंटी का प्रावधान जुड़वाना चाहती है। इसमें एमएसपी से कम पर ख़रीद करने वाले को सज़ा का प्रावधान जोड़ने का प्रस्ताव रखा जाएगा।* Post navigation बातचीत को बातचीत तक सीमित न रखे सरकार, अंजाम तक पहुंचाए – दीपेंद्र हुड्डा कंक्रीट की ऊंची दीवारें और गहरी खाईयां किसान आंदोलन को दबा नहीं सकती : बलराज कुंडू