कंक्रीट की ऊंची दीवारें और गहरी खाईयां किसान आंदोलन को दबा नहीं सकती : बलराज कुंडू

दिल्ली बॉर्डर पर चल रहे धरना स्थलों से बिजली-पानी एवं शौचालय जैसी सुविधाएं हटाना अमानवीय कृत्य

टिकरी बॉर्डर, 1 फरवरी : विधायक बलराज कुंडू ने आज टिकरी बॉर्डर पहुंचकर संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से आंदोलनकारी किसानों को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि सड़कों पर कंक्रीट की ऊंची-ऊंची दीवारें और लोहे की बड़ी-बड़ी कीलें लगाकर व गहरी खाईयां खोदकर ना तो सरकार किसान आंदोलन को दबा पाएगी और ना ही किसानों के हौंसले को कमजोर कर पायेगी। इंटरनेट बन्द करके किसानों की आवाज को रोका नहीं जा सकता। आन्दोलन स्थल से सफाई कर्मचारियों एवं अस्थाई शौचालयों आदि को हटाना और बिजली पानी काट देना दिखाता है कि सरकारी तंत्र किसानों को तंग करने के लिए बिलकुल अमानवीय हरकतों पर उतारू है जिसे प्रजातन्त्र में कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता। कुंडू ने सरकार से आग्रह किया कि टकराव का रास्ता और राजहठ छोड़कर बातचीत का माहौल बनाकर किसानों की मांगें स्वीकार करे। इस मौके पर उन्होंने किसान रसोई में बैठकर मातृशक्ति एवं किसान भाइयों के साथ जलपान करते हुए आंदोलन के वर्तमान एवं भविष्य की रूपरेखा को लेकर विस्तृत से चर्चा की।

किसानों की आवाज दबाने के चक्कर में इंटरनेट बन्द करके सरकार कर रही है बच्चों की पढ़ाई का भी नुकसान

विधायक बलराज कुंडू ने किसान आंदोलन के चलते सरकार द्वारा दिल्ली बॉर्डर के अलावा हरियाणा के कई जिलों में इंटरनेट बन्द किये जाने को लेकर भी तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि किसानों की आवाज दबाने के चक्कर में इंटरनेट बन्द करके सरकार हमारे बच्चों के भविष्य से भी खिलवाड़ कर रही है क्योंकि कोरोना काल में स्कूल / कालेजों में बच्चों की ऑनलाइन क्लास चल रही हैं और कई परीक्षाएं भी सिर पर हैं। ऐसे में इंटरनेट बन्द करना बिलकुल गलत है। सरकार को तुरन्त इंटरनेट सेवा बहाल करनी चाहिए।

धरनास्थल पर बिजली-पानी काटकर आखिर क्या साबित करना चाहती है सरकार

विधायक बलराज कुंडू ने टिकरी बॉर्डर किसान धरनास्थल पर सरकार द्वारा बिजली एवं पानी की सप्लाई काटने को सरकार का दमनकारी कदम करार देते हुए कहा कि आंदोलन को कुचलने के लिए सरकार अमानवीयता पर उतारू है। आन्दोलनस्थल से अस्थाई शौचालय हटाकर और सफाई व्यवस्था को बदहाल करके क्या सरकार यहां बीमारियां फैलाने की सोच रखती है जबकि माननीय सुप्रीम कोर्ट तक किसान आंदोलन को जायज करार दे चुका है तो सरकार का दायित्व बनता है कि वहां पर ये तमाम व्यवस्थाएं सुचारू की जाएं।

आम आदमी के लिए मायूसी भरा है केंद्रीय बजट, खेती और किसानी की हुई उपेक्षा : बलराज कुंडू

विधायक बलराज कुंडू ने आज पेश किए गए केंद्रीय बजट को आम आदमी को निराश करने वाला एवं किसान तथा कृषि विरोधी बजट बताया है। कुंडू ने कहा कि केंद्र ने कृषि बजट में कटौती करके साबित कर दिया है कि उसे किसानों की कोई परवाह नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट में आम आदमी, गरीब एवं मजदूर, छोटे दुकानदार एवं व्यापारी तथा कर्मचारी के लिये कुछ भी राहत नहीं है। कृषि से ना तो जीएसटी कम हुई और ना डीजल के दाम कम किये गए। कर्मचारियों के लिए भी यह पूरी तरह निराशाजनक बजट कहा जायेगा। कुल मिलाकर इस बजट को मायूसी से भरपूर बजट कहा जा सकता है।

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