घटना व्यास जी एंटरप्राइजेज बोहड़ाकला की. सिगरेट खरीदने के बहाने दुकान में घुसे बदमाश. बाइक पर आए बदमाशों की संख्या तीन बताई गई फतह सिंह उजाला पटौदी । पटौदी क्षेत्र और आसपास के इलाकों में लुटेरे बदमाशों के हौसले दिन प्रतिदिन बुलंद होते जा रहे हैं । अभी कुछ दिन पहले ही हेली मंडी में एक शटरिंग स्टोर से रात के समय करीब 3 लाख की लोहे की पलेटे बदमाश लूट कर ले गए थे। नए मामले में अब हथियारबंद बदमाशों ने जबरन दुकान में घुसकर गल्ले से नकदी लूटी और दुकानदार को जान से मारने की धमकी देते हुए फरार हो गए । यह सनसनीखेज घटना पटौदी क्षेत्र के सबसे बड़े गांव बोहड़ाकला में स्थित व्यास जी एंटरप्राइजेज की है । इस मामले में दुकान मालिक प्रदीप कुमार व्यास के द्वारा बिलासपुर थाना में शिकायत दर्ज करवा दी गई है । पुलिस सीसीटीवी की फुटेज के मुताबिक बदमाशों की पहचान करने में लगी हुई है। प्रदीप कुमार व्यास के मुताबिक घटना बीती देर रात करीब बजे की है । वह दुकान बढ़ाकर घर जाने की तैयारी में थे, कि इसी दौरान एक युवक सिगरेट लेने के बहाने दुकान पर पहुंचा मौका । मिलते ही युवक के दो अन्य साथी दुकान के अंदर जबरन घुस गए। इनमें से एक बदमाश ने प्रदीप कुमार को जोर से धक्का दे मारा और कनपटी पर रिवाल्वर लगा दी । दूसरे बदमाश ने गल्ला खोला और गल्ले में दिनभर की बिक्री के रखे करीब 25000 लूट लिए । जब तक आसपास के दुकानदार भी अपने अपने प्रतिष्ठान बंद करके लौट चुके थे । जैसे ही बदमाशों ने इस लूट की वारदात को अंजाम दिया प्रदीप कुमार के द्वारा शोर भी मचाया गया। लेकिन तब तक बदमाश कुछ ही दूरी पर खड़ी अपनी मोटरसाइकिल पर सवार होकर फरार हो गए । बताया गया है कि यह तीनों बदमाश एक ही मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए थे । सबसे पहले एक युवक सिगरेट लेने के बहाने दुकान पर पहुंचा और जब यह देखा कि आसपास की दुकानें बंद हैं तो अन्य दो बदमाश साथी भी सीजे जबरदस्ती दुकान में जा घुसे । उनमें से एक ने दुकानदार प्रदीप व्यास को रिवाल्वर की नोक पर ले लिया व अन्य साथी ने बिना देर किए गल्ले को खोल कर करीब 25000 नकदी समेट ली। इतना ही नहीं जाते-जाते बदमाश प्रदीप कुमार को जान से मारने की धमकी भी दे कर गए। बोहड़ा कला के सबसे व्यस्त रहने वाले बाजार में इस प्रकार सरेआम बदमाशों के द्वारा रिवाल्वर की नोक पर लूट की वारदात के बाद से आसपास के दुकानदारों में भी वह का माहौल बना हुआ है। Post navigation श्रीराम मंदिर निर्माण…500 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद शुभ घड़़ी आयी: धर्मदेव संस्कृति और संस्कार जीवित रखना आवश्यक: शंकराचार्य नरेंद्रानंद