किसान – किसी भी तरह की हिंसा हमारे आंदोलन का हिस्सा नहीं

किसानों का संघर्ष काबिले तारीफ, सरकार को माननी पड़ेंगी मांगें : मान
आंदोलन रहेगा जारी, ऐतिहासिक किसान परेड के लिए जताया आभार

चरखी दादरी जयवीर फोगाट

 संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर गणतंत्र दिवस के दिन ऐतिहासिक किसान परेड में बढ़चढ़कर भाग लेने पर विभिन्न खाप, सामाजिक, कर्मचारी व किसान संगठनों ने क्षेत्रवासियों का आभार जताया है। कितलाना टोल पर चल रहे अनिश्चित कालीन धरने पर वक्ताओं ने कहा कि ट्रैक्टर मार्च के बाद किसान परेड में उमड़े जन मानस ने सरकार को आईना दिखा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्वयं आगे आकर तीन कृषि कानून रद्द करने के साथ एमएसपी की गारंटी देने के लिए संसद के बजट सत्र में घोषणा करनी चाहिए।                 

उन्होंने कहा कि पुलिस ने कल कई जगह किसान परेड में ना केवल व्यधान डाला अपितु लाठीचार्ज और आंसू गैस का प्रयोग किया जो बेहद निंदनीय है। लोकतंत्र में लाठी गोली के दम पर जनता की आवाज को दबाया नहीं जा सकता है। इन घटनाओं के बावजूद किसानों ने शांतिपूर्ण ढंग से किसान परेड निकाल सरकार को चेताने का काम किया। उन्होंने कहा कि लालकिले के घटनाक्रम में सरकारी षड्यंत्र की बू आ रही है। उनके अनुसार इतिहास में पहली बार लाखों ट्रैक्टरों पर एक साथ फहराते तिरंगे ने देश की शान बढ़ाने का काम किया। उन्होंने कहा कि हमारे आंदोलन में हिंसा का कोई स्थान नहीं है। जो कोई ऐसा कृत्य करेगा वो हमारा हितैषी नहीं हो सकता और उससे हमारा कोई नाता नहीं होगा।               

  इस मौके पर पूर्व मुख्य संसदीय सचिव रणसिंह मान ने कहा कि किसान परेड ने सरकार को दिखा दिया है कि कोई भी ताकत देश के अन्नदाताओं को झुका नहीं सकती। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन अब जन आंदोलन बन गया है और सभी वर्गों के समर्थन से दिन प्रतिदिन लगातार जोर पकड़ रहा है। देर सवेर सरकार को किसानों की मांगें जरूर माननी पड़ेंगी।

 कितलाना टोल पर किसानों के अनिश्चित कालीन धरने के 34वें दिन नरसिंह डीपीई, बलवंत नंबरदार, रणधीर कुंगड़, मास्टर राजसिंह, गंगाराम श्योराण, राजू मान, सुभाष यादव ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि दिल्लीवासियों ने खुले दिल से किसान परेड पर फूल बरसाते हुए स्वागत किया वो पल कभी नहीं भुलाए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि लाखों किसान जुटने और पुलिस के बर्बर रवैये के बावजूद किसी भी सरकारी या प्राइवेट प्रॉपर्टी को नुकसान नहीं पंहुचाया। उन्होंने कहा कि जब तक किसानों की मांगें पूरी नहीं होती हमारा आंदोलन जारी रहेगा। धरने के चलते आज भी टोल फ्री रहा। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया।                 

 इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, सुरेश फौगाट, धर्मेन्द्र छपार, बलबीर बजाड़, कमलेश भैरवी, बीरमति डोहकी, कृष्णा सांगवान, रामफल देशवाल, शब्बीर हुसैन, राजबीर बोहरा, अजित सांगवान, शमशेर सांगवान, मंगल सुई, दिलबाग ढुल, प्रेम सिंह, सुरजभान मंदोली, सूबेदार सतबीर, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, राजेन्द्र घिकाड़ा इत्यादि मौजूद थे।

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