कमलेश भारतीय

आखिर छब्बीस जनवरी आ गयी और किसान नेताओं व कृषि मंत्री के बीच बातचीत डेडलाॅक होने के चलते ट्रैक्टर परेड होने जा रही है । लगभग दो लाख ट्रैक्टरों के इसमें शामिल होने का दावा किया जा रहा है । किसान नेताओं ने यह भी कहा है कि ट्रैक्टर परेड के शक्ति प्रदर्शन के बाद यह आंदोलन समाप्त नहीं है बल्कि जारी रहेगा और संसद कूच तक जायेगा जो पहली फरवरी को होगा । यानी किसान नेताओं के अनुसार आंदोलन खत्म नहीं होने जा रहा जैसा कि सरकार की सोच थी । किसान आंदोलन जारी रहेगा और सरकार व कृषि मंत्री के लिए परेशानी का सबब बना रहेगा या कहिए कि नाक में दम किये रखेगा ।

दूसरी ओर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर की वही पुरानी रट कि डेढ़ दो साल हम कृषि कानून होल्ड कर लेते हैं और इससे बढ़िया कोई ऑफर नहीं है हमारे पास । यही सही विकल्प है और राइट च्वाॅइस । देश के इतिहास में इतना लम्बा किसान आंदोलन संभवतः पहली बार हो रहा है और राजहठ भी देखने को मिल रहा है । यही बातचीत में डेडलाॅक का बड़ा कारण है ।

न तुम माने , न हम माने
तुम्हारी भी जय जय
हमारी भी जय जय
सफर साथ जितना था
हो ही गया है
न तुम माने
न हम माने ,,,,

कितने करोड़ों रुपये का सरकार टाॅल प्लाजा के बंद होने से घाटे खा रही है । खेतों में फसल लहलहा रही है लेकिन किसान बाॅर्डर पर बैठा है । पीली पीली सरसों शहीद भगत सिंह की याद दिला रही है । शहीद भगत सिंह के चाचा अजीत सिंह ने पगड़ी संभाल जट्टा आंदोलन में ही तो भाग लिया था । जट्ट की पगड़ी आज तक स॔भली नहीं और आंदोलन को मजबूर है । महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्याएं बहुत चिंता का कारण बनी रहीं तब किसी को कृषि कानून बनाने की सुध नहीं आई । हां , कोरोना के मारे लोगों की सेवा करने वाले सोनू सूद को जरूर चक्कर में डाल दिया है कोर्ट कचहरी और बीएमसी से बेहाल कर दिया ।

कहां तो ऐसे नायक को पद्मश्री से नवाजा जाना चाहिए था और कहां यह सौगात दी जा रही है । कौन मानवता के नाम पर आगे आयेगा ? असली नायक को अपमानित किया जा रहा है और नकली नायकों को नवाजा जा रहा है । कभी एक गायक को पद्मश्री देकर लिफ्ट कर दिया जाता है तो कभी एक नायक को बीएमसी के नोटिस देकर अपमानित किया जाता है । यह स्थिति है हमारी और यही हमारी मानसिकता ।

फिर भी आज हमारा गणतंत्रता दिवस है और सबको शुभकामनाएं । झंडा ऊंचा रहे हमारा । सबसे प्यारा , सबसे प्यारा । जय हिंद ।