भिवानी/मुकेश वत्स भारत के स्वाधीनता संग्राम में आजाद हिंद फौज के शिरोमणि नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसे क्रांतिकारियों की सर्वोच्च भूमिका रही है, जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। यह बात वैश्य महाविद्यालय में नेता जी सुभाषचन्द्र बोस की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए वैश्य महाविद्यालय ट्रस्ट के अध्यक्ष शिव रतन गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम से लेकर 1947 में अंग्रेजों की रवानगी तक हजारों भारतीयों ने आजादी की बलिवेदी पर अपने प्राणों की आहुति दी। ऐसे में नेता जी सुभाषचन्द्र बोस के बलिदान को भुलाया नही जा सकता। समारोह को संबोधित करते हुए महाविधालय की प्राचार्या डाक्टर सुधा रानी ने कहा कि नेता जी सुभाषचन्द्र बोस देश की एक अमुल्य धरोहर थे। उनके बलिदान को कभी भूलाया नहीं जा सकता। हमारा फर्ज बनता हैं कि हम सब मिलकर अपनी युवा पीढ़ी को स्वाधीनता संग्राम की वास्तविक दास्तान समझाए। Post navigation किसानों का हर मोर्चे पर मजबूती से साथ देगी कांग्रेस : कुमारी शैलजा राम मंदिर सभी जातियों को जोडक़र सभी को एक राष्ट्रपुरुष के रूप में खड़ा करेगा: राकेश त्यागी