-राज्य सूचना आयुक्त ने की टिप्पणी: आरटीआई को गंभीरता से नहीं ले रहे नप अधिकारी, व्यवहार भी घमंडी -30 मार्च तक आरटीआई कार्यकर्ता को सूचना उपलब्ध कराने के दिए आदेश, सैलरी से जुर्माना काट देनी होगी आयोग को सूचना – स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने निजी अस्पताल से जुड़ी मांगी थी आरटीआई में जानकारी

भिवानी, 22 जनवरी। राज्य सूचना आयोग ने भिवानी नगर परिषद के सचिव पर 25 हजार रुपये का जुर्माना ठोका है। ये जुर्माना राशि अधिकारी की सैलरी से काट अदा कर आयोग को भी सूचना देनी होगी। ये जुर्माना 2018 में मांगी गई सूचना उपलब्ध नहीं कराने पर किया है। स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने भिवानी नगर परिषद से 7 अप्रैल 2018 को शहर के एक निजी अस्पताल से जुड़ी आरटीआई की जानकारी मांगी थी। निर्धारित अवधि में नप के एसपीआईओ कम सचिव ने कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई।

इसी मामले में आरटीआई कार्यकर्ता बृजपाल सिंह परमार ने 11 मई को प्रथम अपील जिला उपायुक्त के समक्ष की। मगर यहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद 29 अगस्त को ये मामला राज्य सूचना आयोग के समक्ष पहुंचा। राज्य सूचना आयोग ने हरियाणा शहरी निकाय विभाग के डॉयरेक्टर को सूचना उपलब्ध कराए जाने के आदेश दिए। इस पर भी भिवानी नप प्रशासन नहीं जागा। आरटीआई कार्यकर्ता ने सूचना आयोग को 7 सितंबर 2019 को आदेशों की पालना नही करने पर रिमांडर भेजा। इसी तरह 3 अक्तूबर को फिर से सूचना आयोग के समक्ष सूचना नहीं मिलने पर रिमांडर भेजा। स्टेट कमीशन ने दो बार रिमांडर भेजे जाने के बाद 23 जनवरी 2020 को नगर परिषद एसपीआईओ कम सचिव एवं प्रथम अपील अधिकारी को नोटिस जारी कर दिया।

सूचना आयोग ने सूचना नहीं देने पर रोजाना 250 रुपये व 25 हजार रुपये जुर्माना लगाने की चेतावनी भी दी। मगर इस पर भी नप अधिकारियों की नींद नहीं टूटी और आरटीआई कार्यकर्ता को कोई जवाब नहीं दिया। इसी मामले में राज्य सूचना आयोग ने 10 नवंबर 2020 को सुनवाई कर आरटीआई की सूचना नहीं देने पर 25 हजार रुपये जुर्माना ठोका और आरटीआई कार्यकर्ता को 30 मार्च 2021 तक आरटीआई का जवाब उपलब्ध कराने का आदेश दिया। सूचना आयुक्त ने नगर परिषद एसपीआई व प्रथम अपील अधिकारी को भी कड़ी फटकार लगाई।

आयुक्त ने यह भी टिप्पणी दी कि नगर परिषद के अधिकारी आरटीआई एक्ट को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और उनका व्यवहार भी घमंडी है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि सूचना आयोग ने नप सचिव पर 25 हजार रुपये का जुर्माना लगाने के आदेशों की कॉपी 18 जनवरी को रजिस्टर्ड डाक से मिली है। 

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