बिजली निगमों में लागू की गई आनलाइन ट्रांसफर पालिसी फिलहाल वापस नहीं होगी

चंडीगढ़,21 जनवरी। बिजली निगमों में लागू की गई आनलाइन ट्रांसफर पालिसी फिलहाल वापस नहीं होगी।इसकी खामियों को दूर किया जाएगा और लागू होने से निगमों के कार्यों पर पड़ने वाले प्रभावों की समीक्षा करने के उपरांत आवश्यक फैसला लिया जाएगा। यह आश्वासन ऊर्जा विभाग के एसीएस टीसी गुप्ता ने बृहस्पतिवार को आल हरियाणा पावर कारपोरेशनज वर्कर यूनियन के शिष्टमंडल के साथ हुई बैठक में दिया।

बैठक में यूनियन के शिष्टमंडल ने इस पर अपना विरोध दर्ज करवाते हुए आनलाइन ट्रांसफर पालिसी को रद्द करने की मांग की। यूनियन नेताओं ने कहा कि हर साल आधे से ज्यादा कर्मचारियों के आनलाइन ट्रांसफर करना सरकार की कोई उपलब्धि नही है, बल्कि इससे निगमों के कार्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा और राजस्व की हानि के साथ ही उपभोक्ताओं व कर्मचारियों की परेशानियां भी बढ़ेंगी। इसलिए सरकार को इस पालिसी को रद्द करना चाहिए। यूनियन नेताओं ने कहा कि आनलाइन ट्रांसफर पालिसी व बिजली संशोधन बिल 2020 को रद्द करवाने, पुरानी पेंशन बहाल कराने, ठेका कर्मचारियों को पक्का करने, पक्का होने तक ठेका प्रथा समाप्त कर ठेका कर्मचारियों को सीधे निगमों के पे-रोल पर लेने,समान काम समान वेतन देने व सेवा सुरक्षा प्रदान करने आदि मांगों को लेकर 3 फरवरी को  हड़ताल की जाएगी। विभाग के एसीएस टीसी गुप्ता की अध्यक्षता में सेक्टर 17 में आयोजित बैठक में मैनेजमेंट की ओर से हरियाणा विधुत प्रसारण निगम व उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम के एमडी और यूनियन की ओर से राज्य प्रधान सुरेश राठी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष लांबा, महासचिव नरेश कुमार,उप प्रधान एनपी सिंह चौहान व कोषाध्यक्ष अजय वशिष्ठ मौजूद थे।

 बैठक में निम्न मांगों पर बनी सहमति-

बैठक में नई भर्ती होने के उपरांत प्रसारण निगम से सरप्लस हुए अनुबंध कर्मियों को वितरित निगमों में एडजस्ट करने, उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम में 2019 में नई भर्ती के बाद डारेक्ट डीसी रेट पर लगे कर्मचारियों को पुनः सीधे निगम के पे-रोल पर करने, एसकेएस द्वारा चीफ सेक्रेटरी से जारी करवाए गए पत्र को निगमों में लागू करते हुए 26,30 -31 अक्टूबर,2018 व 8 जनवरी,2020 की हड़ताल अवधि का अवकाश स्वीकृत कर वेतन देने, डिपार्टमेंटल एग्जाम पास न करने वाले कर्मचारियों को मार्च महीने तक एक अवसर ओर देने, ईएसआई कटौती की सीमा से ज्यादा वेतन लेने वाले ठेका कर्मचारियों को मेडिकल बीमा पॉलिसी देने पर विचार करने के साथ ही ईएसआई से भी बात करने,डीएचबीवीएन में लगे डाटा एंट्री ऑपरेटर व प्रोग्रामर के ठहरे हुए वेतन में बढ़ोतरी करने व लाइनों पर काम करते हुए एक्सीडेंट होने के उपरांत ठेका कर्मचारियों की जिम्मेदारी तय कर नौकरी से बर्खास्त करने की समीक्षा करने पर आदि मांगों पर सहमति बनी है।

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