पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट दरें कांग्रेस शासन के समान कम करके महँगाई से पीड़ित जनता को तत्काल राहत प्रदान हो. प्रदेशवासियों से पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस के दामों में टैक्सों के नाम पर हो रही लूट बंद हो 

चंडीगढ़, 19 जनवरी – हरियाणा प्रदेश में लगातार बढ़ रहे पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस दामों की निंदा करते हुए वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि आसमान छूते टैक्सों के कारण हरियाणा में पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस आज तक के उच्चतम स्तर पर हैं। केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारों से हमारी मांग है की प्रदेशवासियों से पेट्रोल-डीजल-रसोई गैस के दामों में टैक्सों के नाम पर हो रही लूट बंद हो और पेट्रोल-डीज़ल पर एक्साइज ड्यूटी और वैट दरें कांग्रेस शासन के समान कम करके महँगाई से पीड़ित जनता को तत्काल राहत प्रदान की जाए।

सुरजेवाला ने कहा कि एक ओर अंतर्राष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम कम होते जा रहे हैं, वहीं भाजपा सरकार के दौरान पेट्रोल, डीजल और रसोई गैस के दामों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है, जिससे पेट्रोल व डीजल के दाम प्रदेश में आजतक के शीर्ष स्तर पर पहुंच गए हैं, जिसका सीधा असर हरियाणा के किसान, आम जनता व ट्रांसपोर्टरों पर पड़ रहा है और महँगाई चरम पर पहुंच गई है। इस सरकार की नाकामियों से प्रदेश में उद्योग धंधे पहले ही चौपट हैं। हरियाणा प्रदेश की बेरोज़गारी दर पूरे देश में सबसे अधिक है। हरियाणा के फ़रीदाबाद में पेट्रोल की कीमत जहां 83 रुपये 65 पैसे प्रति लीटर हो गई है, वहीं डीजल की कीमत 76 रुपये 24 पैसे पर पहुंच गई हैं, इसी प्रकार फतेहाबाद में पेट्रोल की कीमत 84 रुपये 8 पैसे प्रति लीटर और डीजल की कीमत 76 रुपये 62 पैसे पर पहुंच गई हैं। पेट्रोल व डीजल के दामों में लगातार बढ़ोतरी से जहां किसान पिस रहा है, वहीं इससे महँगाई बढ़ेगी और आर्थिक रूप से परेशान जनता की जेब कटेगी, लेकिन मोदी व खट्टर सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।  

सुरजेवाला ने बताया कि जब हरियाणा प्रदेश में कांग्रेस ने 2014 में सरकार छोड़ी, तो पेट्रोल पर वैट 21 प्रतिशत था जो अब भाजपा सरकार में बढ़कर 30 प्रतिशत हो गया है। डीज़ल पर वैट 9.24 प्रतिशत था, जो अब बढ़कर 21.40 प्रतिशत हो गया है, जिससे खट्टर ने पिछले छह साल में पचास हज़ार करोड़ से ज्यादा वसूले हैं। इसके साथ ही इस सरकार ने तो एलपीजी गैस सिलेंडरों के दाम बढ़ाकर और सब्सिडी घटाकर महिलाओं का रसोई बजट भी बिगाड़ दिया है। कांग्रेस सरकार में जहां बिना सब्सिडी का गैस सिलेंडर 414 रुपये में उपलब्ध था, आज यह सिलेंडर 730 रुपये में मिल रहा है और सब्सिडी मात्र 14 रुपये दी जा रही है। मोदी सरकार जब मई 2014 में सत्ता में आई तो पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क केवल 9.20 रुपए प्रति लीटर और 3.46 रुपए प्रति लीटर पर था, जिसमें भाजपा सरकार द्वारा पेट्रोल पर 23.78 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 28.37 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी है, जो यूपीए की तुलना में क्रमशः 258 और 820 प्रतिशत ज्यादा है। 

सुरजेवाला ने कहा कि 26 मई 2014 को जब भाजपा ने केंद्र में सत्ता संभाली थी, तब भारत की तेल कंपनियों को कच्चा तेल 108 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल मिल रहा था, जो तत्कालीन डॉलर-रुपया के अंतर्राष्ट्रीय भाव के अनुसार 6,330 रुपए प्रति बैरल बनता है, जिसका अर्थ है तेल लगभग 40 रुपए प्रति लीटर के भाव पर पड़ रहा था, जबकि पेट्रोल-डीजल और एलपीजी मई 2014 में दिल्ली में पेट्रोल, 71.51 रुपये प्रति लीटर, डीजल 57.28 रुपये प्रति लीटर तथा एलपीजी 414 रुपये प्रति सिलेंडर पर उपलब्ध था। 19 जनवरी 2021 को कच्चे तेल का अंतर्राष्ट्रीय भाव 54.26 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल रही, जो डॉलर-रुपये भाव के अनुसार 3972.74 रुपए प्रति बैरल बनता है, यानि कुल लागत 25-26 रुपए प्रति लीटर से बहुत कम पड़ता है। यदि पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस के दामों में इसी अनुपात में कमी की जाए, तो इनके दाम बहुत कम हो सकते हैं। सुरजेवाला ने मोदी व खट्टर सरकार से मांग की कि उनके द्वारा पेट्रोल-डीज़ल के उत्पाद शुल्क और वैट में की गई सभी बढ़ोत्तरियों को तत्काल वापस ले लिया जाए ताकि इस मुश्किल समय में सस्ते कच्चे तेल का फायदा देश के नागरिकों तक पहुंच पाए।

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