विस्तार योजना में जिला स्तरीय पदाधिकारियों से की जायेगी चाय चर्चा, करनाल से हो सकता है अभियान का श्रीगणेश, पार्टी आलाकमान अभी सुधा को नहीं दे रही है प्रदेश प्रधान का पूर्ण दर्जा, सुधा का विस्तार अभियान आया चर्चाओं में 

ईश्वर धामु

 चंडीगढ़।  हरियाणा में जंहा कांग्रेस गुटबंदी से उभरने के प्रयास में नजर आ रही है, वहीं महिला कांग्रेस प्रदेश में अपना जनाधार बढ़ाने की तैयारी कर रही है। हालांकि हरियाणा में महिला कांग्रेस के पास अपनी कोई स्थायी प्रदेश प्रधान नहीं है। पार्टी की कार्यकारी प्रदेश प्रधान सुधा भारद्वाज ने अब पार्टी की महिला इकाई का विस्तार करने की योजना बनाई है।

बताया गया है कि सुधा भारद्वाज ने महिला इकाई के विस्तार को एक चैलेंज के रूप में लिया है। हालांकि अभी तक पार्टी आलाकमान ने उनको पूर्ण रूप से प्रदेश प्रधान का दर्जा नहीं दिया है। मिली जानकारी के अनुसार अभी तक पार्टी आलाकमान का महिला कांग्रेस की पुरानी प्रदेश प्रधानों से मोहभंग नहीं हो पा रहा है। सूत्र बताते हैं कि महिला कांग्रेस की पूर्व प्रदेश प्रधान सुमित्रा चौहान, जो चुनाव से पूर्व कांग्रेस को अलविदा कह कर भाजपा का साथ ले लिया था, से कांग्रेस विधायक दल के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा की धर्मपत्नी आशा हुड्डा ने सम्पर्क साधा कर धर वापिसी की बात की थी। परन्तु सुमित्र चौहान ने कांग्रेस में वापिस आने से मना कर दिया। क्योकि अभी उनको पूरी आशा है कि भाजपा उनको प्रदेश में महिला मोर्चा की कमान सौंपेगी। हालांकि अभी तक भाजपा ने प्रदेश पदाधिकारियों की सूची जारी नहीं की है।

सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस भी भाजपा के महिला मोर्चा के गठन से पूर्व कोई निर्णय लेने से गुरेज करेगी। परन्तु अब लम्बे इंतजार के बाद महिला कांग्रेस की प्रदेश प्रधान सुधा भारद्वाज ने पार्टी संगठन को विस्तार देने का निर्णय ले लिया बताते हैं। इसी कड़ी में वें सुधा भारद्वाज बरवाला तथा चंडीमंदिर के टोल प्लाजा पर धरना दे रहे किसानों के बीच भी जा रही है। बताया गया है कि किसानों ने उनकी बात को बड़े ही ध्यान से सुना और समर्थन के लिए आभार जताया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बहुत जल्द सुधा भारद्वाज प्रदेश का दौरा कर अपनी जिला स्तरीय पदाधिकारियों से सम्पर्क कर उनको सक्रिए करेंगी। इसके लिए उन्होने हरियाणा को चार भागों में बांटा है।

महिला कांग्रेस से जुड़े सूत्र बताते हैं कि सुधा भारद्वाज अपने अभियान की शुरूआत करनाल जिले से करेंगी। करनाल में वें पहले चरण में दो दिन लगायेंगी और महिलाओं को कांग्रेस से जोडऩे का काम करेंगी। साथ ही वें गांवों में महिलाओं को किसान विरोधी कृषि बिलों के बारे में बिलों की हकीकत बतायेंगी। वें अपनी जिला पदाधिकारियों के साथ केवल सक्रिए कार्यकर्ताओं को लेकर चाय चर्चा कर एक माहौल तैयार करने का प्रयास करेंगी। चर्चाकारों का कहना है कि अब सुधा भारद्वाज अपने आपको पार्टी आलाकमान के सामने प्रुव करेंगी कि उनके कितनी संगठनात्मक क्षमता है। यह भी कहा जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान प्रदेश के बड़े नेताओं के दबाव में आकर महिला इकाई के बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं ले रही है। अभी भी प्रदेश की पूर्व शिक्षा मंत्री गीता भुक्कल को महिला इकाई की कमान देने की चर्चाएं चल रही है। ऐसे हालातों में सुधा भारद्वाज का निर्णय राजनीति में बड़ा मायने रखता है।