-कमलेश भारतीय किसान आंदोलन के साइड इफेक्ट्स हरियाणा सरकार पर पड़े हैं । सबसे बड़ा सवाल कि हरियाणा सरकार रहेगी या जायेगी ? हरियाणा प्रदेश कांग्रेस की अध्यक्ष सैलजा का कहना है कि हरियाणा सरकार अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले ही गिर जायेगी और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा सरकार या कोई भी सरकार अपने ही कामकाज से गिरती है । दूसरी ओर हरियाणा सरकार की अस्थिरता को देखते हुए एक तरफ अमित शाह के सामने विधायकों की परेड करवाने के समाचार हैं तो दूसरी तरफ चौ रणजीत सिंह चौटाला के यहां लंच दिया गया । ये सब इन दिनों क्यों हो रहा है ? यानी साफ संकेत कि कुछ तो है जिसके चलते इतनी हलचल चल रही है । उधर पूर्व सांसद अवतार सिंह भडाना ने विधायकों से आह्वान किया है कि वे अपने निजी हित छोड़ कर खुल कर किसानों के समर्थन में आ जायें । अभी पूर्व मंत्री और इन दिनों भाजपा में शामिल प्रो सम्पत सिंह भी दुविधा में हैं कि भाजपा मे रहें या न रहें । बेटे गौरव सम्पत के बयान उर पोल प्लाजा नर उपस्थिति यही साबित कर रही है कि प्रो सम्पत सिंह अपनी नयी पार्टी की तलाश में हैं । ऐसी ही दुविधा बरवाला के विधायक जोगी राम सिहाग की है । चेयरमैनी तो छोड़ दी पर किसानों के साथ बी खुलकर तो खड़े नहीं हो रहे । पूर्व केंद्रीय मंत्री और हिसार के सांसद बृजेंद्र सिंह के पिता चौ बीरेंद्र सिंह भी अभी दुविधा में लग रहे हैं और इधर जाऊं या किधर जाऊं की हालत में हैं । वे शायद मन और मस्तिष्क के दबाब में हैं । मन की बात सुनें या दिमाग के कहे पर चलें । कहां और किधर जायें ? पार्टी और बेटे की सोचें तो चुप रहना होगा और यदि अपना भविष्य सोचें तो अब तक किसानों के साथ किसी न किसी बार्डर पर बैठे होते पर बार बार बेटा कैसे चुना जायेगा? कह रहे हैं कि चुनावी राजनीति न करने का वादा देकर बेटे के लिए टिकट ली थी पर राजनीति में सक्रिय रहूंगा यह बात भी कही थी भाजपा हाईकमान को । पर जनता की मन की कौन समझ पाया है आज तक ? जनता चाहती है चौधरी साहब कि आप खुल कर किसान आंदोलन के साथ खड़े हों । इधर मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने वर्ष में एक कलाकार को सम्मानित करने की घोषणा की है ।अच्छी खबर कलाकारों के लिए । Post navigation हिसार : कैफे की आड़ में देह व्यापार, पुलिस का छापा, केबिन में मिले गद्दे हिसार के क्रांतिमान पार्क में महिला किसान पंचायत का आयोजन