भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी नेताओं को किसानों के समानांतर बड़े आयोजन करने से रोक दिया है. करनाल के कैमला में उपद्रव के बाद पार्टी ने यह फैसला किया है. चंडीगढ़. हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव में भाजपा की किसान महपंचायतके दौरान हुए उपद्रव के बाद भाजपा ने बड़ा फैसला लिया है. भाजपा के शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि किसानों के समानांतर रैलियां या महापंचायत जैसे आयोजन करने से माहौल सुधरने की बजाय बिगड़ सकता है. ऐसे में अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी नेताओं को किसानों के समानांतर बड़े आयोजन करने से रोक दिया है. बता दें कि करनाल के कैमला में उपद्रवियों द्वारा भाजपा का मंच तोड़ दिए जाने के घटनाक्रम के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने केंद्रीय नेतृत्व को पूरे मामले की जानकारी दी. अब भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी नेताओं को किसानों के समानांतर बड़े आयोजन करने से रोक दिया है. ऐसे में अब भाजपा हरियाणा में किसानों के समानांतर रैलियां नहीं करेगी. दूसरी तरफ हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता रह चुके अभय सिंह चौटाला किसानों के हित में विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देकर महौल गर्मा दिया है, विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने हालांकि अभय चौटाला के सशर्त इस्तीफे पर सवाल उठाते हुए उन्हें व्यक्तिगत रूप से दो लाइनों का इस्तीफा देने की सलाह दी है. लेकिन, उनकी सलाह को अनदेखा करते हुए अभय चौटाला ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठित करने तथा उन्हें फिर से एकजुट करने की प्रदेश स्तरीय मुहिम शुरू कर दी है. ट्रैक्टर यात्रा की तैयारियों में जुटी अभय चौटाला की टीम अभय चौटाला 15 जनवरी से अंबाला के शंभू बार्डर से दिल्ली तक ट्रैक्टर यात्रा की तैयारी में जुट गए हैं. इनेलो के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की देखरेख में इसकी तैयारियां की जा रही हैं. इनेलो इसके साथ ही कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए कार्यक्रम घोषित करने वाली है. Post navigation भाजपा-जजपा सरकार कर रही युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ – सुरजेवाला सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी के सभी सदस्य इन तीनों काले कृषि कानूनों के पैरोकार रहे हैं: अभय सिंह चौटाला