·         कुर्सी बचाने के लिये मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री ने दिल्ली दरबार में लगायी गुहार, ·         केंद्रीय नेतृत्व से मिलने के बाद ये कहने की बजाय कि सरकार सुरक्षित है, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री किसानों की मांगें मानने के लिए सरकार को मनाएं. ·         हरियाणा की जनता का विश्वास सरकार से उठा. ·         अविश्वास प्रस्ताव से साफ हो जायेगा कि कौन विधायक सरकार के साथ है और कौन जनता के साथ है. ·         किसान आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के परिवार को आर्थिक मदद व नौकरी दे सरकार

चंडीगढ़, 13 जनवरी। सांसद दीपेंद्र हुड्डा ने आज कहा कि किसान आंदोलन से हरियाणा सरकार की कुर्सी पूरी तरह से डगमगा गयी है। यही कारण है कि मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री दिल्ली दरबार पहुंचकर कुर्सी बचाने की गुहार लगा रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व से मिलने के बाद ये कहने की बजाय कि सरकार सुरक्षित है, मुख्यमंत्री और उप-मुख्यमंत्री किसानों की मांगें मानने के लिए सरकार को मनाएं। हरियाणा सरकार पर से हरियाणा की जनता का भरोसा पूरी तरह से उठ चुका है। इसलिये सरकार विधानसभा में अविश्वास प्रस्ताव का सामना करने से कतरा रही है। अविश्वास प्रस्ताव से स्पष्ट हो जायेगा कि कौन विधायक सरकार के साथ है और कौन जनता के साथ है।

उन्होंने कहा कि अपने ही मतदाताओं को धोखा देकर कुर्सी के लोभ और स्वार्थ की जमीन पर बनी बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार की जमीन को जनता ने उखाड़ना शुरू कर दिया है। इसका सीधा प्रमाण बरोदा उप-चुनाव में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन सरकार की बड़ी हार और उसके तुरंत बाद स्थानीय निकाय व निगम चुनावों में भी हुई हार में देखा जा सकता है। मात्र सवा साल में ही तेज़ी से अलोकप्रिय हो चुकी इस सरकार के खिलाफ जनविरोध इस कदर बढ़ चुका है कि अब तो मुख्यमंत्री, उप-मुख्यमंत्री, सरकार के मंत्रियों और विधायकों को अपने ही इलाकों में जाने के लिए भी पुलिस का सहारा लेना पड़ रहा है।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि प्रदेश में विपक्ष की मांग के बावजूद राज्यपाल अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुला रहे हैं। इतना ही नहीं, वो विपक्ष को मिलने का वक्त तक नहीं दे रहे हैं। उनका ये रवैया समझ से परे है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि उन्हें इस बात की पीड़ा है कि सरकार अन्नदाता की क़ुर्बानियों के प्रति संवेदनहीन बनी हुई है। वो आग्रह करते हैं कि सरकार आंदोलन में शहादत देने वाले किसानों के परिवार को आर्थिक मदद नौकरी दे। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर ये सरकार ऐसा नहीं करती है तो हमारी सरकार बनने पर इनेलो-बीजेपी सरकार में हुए कंडेला कांड की तर्ज पर परिवारों को आर्थिक मदद व नौकरी दी जायेगी।

error: Content is protected !!