उकसावे वाली हरकतें ना करे सरकार, पूर्वाग्रह छोड़ तुरंत माने किसानों की मांग- हुड्डाइस्तीफ़ा देने की बजाए अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के विरूद्ध वोट करें अभय चौटाला- हुड्डा 11 जनवरी, चंडीगढ़ः पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सरकार पर जानबूझकर किसानों के साथ टकराव के हालात पैदा करने का आरोप लगाया है। करनाल के कैमला गांव में मुख्यमंत्री की किसान महापंचायत को लेकर नेता प्रतिपक्ष ने कई सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि जब केंद्र और किसानों के बीच में बातचीत चल रही है तो इस बीच मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसे आयोजनों का क्या औचित्य है? जब ख़ुद इलाक़े के किसान मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का विरोध कर रहे थे तो उन्होंने ये आयोजन करने की ज़िद क्यों की? हुड्डा ने कहा कि सरकार चाहती तो विरोध को देखते हुए वक्त रहते ही वो इस आयोजन को रद्द करके तनावपूर्ण स्थिति पैदा होने से रोक सकती थी लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। सरकार उकसावे वाले क़दम उठाकर प्रदेश को अराजकता की तरफ ना धकेले। क्योंकि प्रदेश में बीजेपी सरकार आने के बाद से ही क़ानून व्यवस्था की स्थिति ख़राब है। ऐसे में आंदोलन के दौरान सरकार को संयम रखना चाहिए और कोई भी उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि मुख्यमंत्री को कैमला जैसे आयोजन करने की बजाए केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए और उसे तीनों कृषि क़ानून वापिस लेने के लिए मनाना चाहिए। मुख्यमंत्री जनता के प्रतिनिधि हैं और उन्हें अपनी ज़िम्मेदारी निभाते हुए किसानों का साथ देना चाहिए। मुख्यमंत्री द्वारा आंदोलन के पीछे कांग्रेस का हाथ बताने वाले सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि ये पूर्ण रूप से किसानों का आंदोलन है। किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ हैं, इसीलिए हम किसानों की मांगों का समर्थन कर रहे हैं। सरकार को भी पूर्वाग्रह छोड़कर उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए। हुड्डा ने कहा कि इस आंदोलन के लिए कांग्रेस नहीं बल्कि बीजेपी की ग़लत नीतियां ज़िम्मेदार हैं। मौजूदा सरकार ने बार-बार किसानों पर बोझ डालने का काम किया है। सरकार की तरफ से खाद के कट्टे का वेट तो कम कर दिया गया लेकिन रेट बढ़ा दिया गया। इतना ही नहीं सरकार ने कृषि उपकरणों पर भी टैक्स लगा दिया। पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में भी रिकॉर्ड बढ़ोतरी की गई। इसने किसानों की आय बढ़ाने के बजाय लागत बढ़ाने का काम किया। ऊपर से सरकार ने किसानों पर उनकी सहमति के बिना तीन नए क़ानून थोप दिए। सरकार की ग़लत नीतियां ने बार-बार किसानों को गहरे घाव दिए हैं। सरकार उनपर मरहम लगाने की बजाए उन्हें कुरेदने का काम कर रही है। अभय चौटाला द्वारा इस्तीफा देने की पेशकश पर पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए हुड्डा ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में कांग्रेस गठबंधन सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव लाने जा रही है। अगर अविश्वास प्रस्ताव पर सरकार के ख़िलाफ़ वोट करने की बजाए अभय चौटाला विधायक पद से इस्तीफ़ा देते हैं तो विपक्ष की एक सीट कम हो जाएगी और ये अप्रत्यक्ष तौर पर सरकार की मदद होगी। 3 क़ानूनों का विरोध करने वाले विधायकों को इस्तीफ़ा देने की बजाए एकजुट होकर सदन में सरकार के ख़िलाफ़ वोट करना चाहिए। इससे जनता को भी पता चल जाएगा कि कौन किसानों के साथ है और कौन सरकार के साथ है। भूपेंद्र सिंह हुड्डा चंडीगढ़ आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। इस मौक़े पर उन्होंने किसानों से अपील की कि वो आंदोलन को इसी तरह शांतिपूर्ण और अनुशासित तरीक़े से चलाएं। हुड्डा ने कहा कि लोकतंत्र में अहिंसा ही आंदोलन का सबसे बड़ा हथियार होती है। उन्हें उम्मीद है कि आख़िरकार किसानों के संघर्ष की जीत होगी। Post navigation अभय सिंह चौटाला ने विधान सभा अध्यक्ष को भेजा इस्तीफा 2005 बैच के छह आईएएस अधिकारियों को एक जनवरी, 2021 से सुपर टाईम स्केल पर पदोन्नत किया