गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगला प्रोग्राम हमारा 26 जनवरी को है. सारे किसान 24 को ही दिल्ली बार्डर पर पहुंच जाएंगे.

चंडीगढ़. करनाल के कैमला गांव में किसान-संवाद कार्यक्रम के दौरान हुए उपद्रव की जिम्मेदारी बीकेयू नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने ली है. बीकेयू हरियाणा नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने बयान जारी करते हुए कहा कि कैमला गांव में जो घटना हुई है वो हमने करवाई है. मुख्यमंत्री जहां भी इस प्रकार की रैली करेंगे हम आगे भी विरोध करेंगे. चढूनी ने कहा भाजपा हमारे आंदोलन के पैरलल रैली करके आंदोलन तोड़ना चाहती है.

वहीं गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि अगला प्रोग्राम हमारा 26 जनवरी को है. सारे किसान 24 को ही दिल्ली बार्डर पर पहुंच जाएंगे. पुलिस चाहे लाठी मारे या गोली मारे हम पुलिस की बेरिकेडिंग तोड़कर दिल्ली मे घुसकर ट्रेक्टर मार्च निकालेंगे.

वहीं इस मामले में सीएम मनोहर लाल खट्टर ने देर शाम प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि कृषि कानून को लेकर भ्रम की स्थिति बन रही है. किसानों से बातचीत के लिए रैली का आयोजन किया गया था और इसमें किसानों की सहमति भी थी, लेकिन कुछ लोगों ने सहमति का उल्लंघन करते हुए नारेबाजी और विरोध किया. जिसके बाद सुरक्षा कारणों से मेरा हेलिकॉप्‍टर दूसरी जगह उतारना पड़ा. मुख्यमंत्री ने कहा कि कोई भी समर्थन या विरोध को बातचीत से ही सुलझाया जाता है. लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है. विपक्षी दल चाहे कांग्रेस हो या कम्युनिस्ट पार्टी के लोग हैं, वे गलतफहमी में न रहें, लोकतंत्र में विश्वास पैदा करें वरना लोग उन्हें सबक जरूर सिखाएंगे.

5000 किसान पहुंचे जो कृषि बिल के समर्थन में थे

खट्टर ने कहा कि उन्होंने (प्रदर्शनकारी किसानों) लोगों से बात की थी. वे सांकेतिक विरोध करने के लिए सहमत हो गए थे. हरियाणा में किसान महासम्मेलन में 5000 किसान पहुंचे जो कृषि बिल के समर्थन में थे. उनका भी विरोध किया गया. ये सही नहीं है. हमारे राष्ट्र में एक मजबूत लोकतंत्र है जहां सभी को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है. हमने इन कथित किसानों और नेताओं के बयानों को कभी नहीं रोका. उनका आंदोलन चल रहा है.

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