सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ टिकरी बॉर्डर रवाना हुए अभय सिंह चौटाला

प्रधानमंत्री ने अभी तक उन चुनौतियों को स्वीकार किया है जो कहीं गलत मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे थे
10 जनवरी को मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित किसान पंचायत में वह नहीं आएंगे, अगर आए तो किसानों के बहुत बड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा
बोले, अपनी ही भूमि पर किसानों को मजदूर बनाने पर आमादा है भाजपा
काले कृषि कानूनों के रद्द होने तक जारी रहेगा संघर्ष

सिरसा, 7 जनवरी: इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव व ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने कहा कि भाजपा की जो सरकार संसदीय चुनावों से पूर्व किसानों के हित के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने का दम भरती थी, अब वही भाजपा किसान को उसकी ही भूमि में मजदूर बनाने पर आमादा है जिसे इनेलो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगी।

इनेलो नेता वीरवार को भावदीन टोल प्लाजा से सैकड़ों ट्रैक्टरों के काफिले के साथ किसानों के समर्थन के लिए टिकरी बॉर्डर के लिए रवाना हुए। उनका आज का पड़ाव हांसी होगा और शुक्रवार को टिकरी बार्डर पर शाम को पहुंचेंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा पूंजीपतियों के समर्थन में और किसानों के विरोध में तीनों कृषि कानून को लागू करने पर उतारू है। इन कृषि कानूनों का देश की कृषि और किसानों पर इतना अधिक विपरीत प्रभाव पड़ेगा कि देश का आर्थिक कृषि ढांचा पूरी तरह से चरमरा जाएगा और किसान अपने ही खेत में मजदूर बनकर रह जाएगा।

पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक सवाल पर जिसमें प्रधानमंत्री कह रहे हैं कि चुनौतियों का मुकाबला करना ही उनकी सच्ची जीत है, का जवाब देते हुए अभय सिंह चौटाला ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अभी तक उन चुनौतियों को स्वीकार किया है जो कहीं गलत मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे थे। किसान ने हमेशा सच्चाई की लड़ाई लड़ी है और सच्चाई हमेशा जीतती है। प्रधानमंत्री को मजबूर होना पड़ेगा और किसानों की बात को मानना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जो सत्ता में बैठे लोग होते हैं वही गलत और सही का निर्णय लेते हैं। इन कृषि कानूनों को बनाने में किसी की सलाह नहीं ली गई, ये जबर्दस्ती थोंपे गए निर्णय हैं इसलिए इन काले कानूनों को वापिस लिया जाना चाहिए। एक अन्य सवाल का जवाब देते हुए कहा कि 10 जनवरी को मुख्यमंत्री द्वारा आयोजित किसान पंचायत में वह नहीं आएंगे, अगर आए तो किसानों के बहुत बड़े विरोध का सामना करना पड़ेगा।

इनेलो नेता ने बताया कि इसके बाद दूसरा काफिला अम्बाला से शुरू करेंगे, वह कैथल, जींद व सोनीपत से होता हुआ सिंघु बार्डर पहुंचेगा। वहीं तीसरा काफिला भिवानी से शुरू करेंगे जो दादरी, महेंद्रगढ़ व रेवाड़ी से होते हुए जयपुर हाईवे पर पहुंचकर किसानों के साथ खड़े होंगे।

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