बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंसा को भी स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री किसी भी तरह से किसान विरोधी हो सकते हैं. कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान कई हफ्तों से विरोध-पदर्शन कर रहे हैं. किसान दिल्ली के सीमाई इलाकों में प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आंदोलनरत हैं. इस बीच, योग गुरु ने किसान आंदोलन को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जब सरकार दो कदम आगे बढ़ने को तैयार है तो हमारे किसानों को भी दो कदम आगे आना चाहिए. सभी तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग के बजाय उन्हें बीच का रास्ता निकालना चाहिए. साथ ही बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंसा को भी स्पष्ट किया है. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि प्रधानमंत्री किसी भी तरह से किसान विरोधी हो सकते हैं. वह पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने कहा कि वह किसानों की आय दोगुनी करना चाहते हैं और उन्हें न्याय भी दिलाना चाहते हैं. उनकी नीति और नेतृत्व किसी भी तरह से किसान विरोधी नहीं लगता है. ‘ बाबा रामदेव ने कबा कि मैं जन्म से कृषक पुत्र हूं. कर्म से सवभाव से कृषि परम्परा और ऋषि परम्परा को आगे बढ़ाने का काम कर रहा हूं. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने MSP पर भी अस्वाशन दिया है और लिखित अस्वाशन देने पर भी प्रतिबद्ध हैं. और छोटे- छोटे जो संसोधन कहे थे उसको भी सरकार स्वीकारने को तैयार है. मुझे लगता है कि जब सरकार जब 2 कदम आगे बढ़ने के लिए तैयार है तो हमारे किसानों को भी 2 कदम आगे बढ़ना चाहिए. बाबा रामदेव ने कहा कि अब 3 के 3 बिल ही वापस होने चाहिए. इसके बजाय बिच का रास्ता निकालना चाहिए. एक भी किसान देशद्रोही नहीं है. ये अलग बात है कुछ किसानों की आड़ लेकर के ऐसे तत्त्व भी वहां पर अपनी रोटियां सेकने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके इरादे कुछ अलग हैं. उससे तो किसान आंदोलन को बचना ही पड़ेगा. Post navigation वरिष्ठ मंत्रियों द्वारा झूठी बातों का प्रसार, किसानों की मांगों का विरोध करना, वार्ता में सफलता की कम संभावना छोड़ते हैं तारीख पे तारीख , यह कैसी बातचीत ?