सतगामा खाप की हुई महापंचायत, मंगलवार से मोरवाला गांव के मैन रोड़ पर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करेंगे शुरू

चरखी दादरी जयवीर फोगाट,

रविवार 3 जनवरी को गांव मोरवाला में सतगामा खाप कन्हेटी, भागवी, मोरवाला, इमलोटा, निमली, बिगोवा, सांतौर-सरूपगढ़ की एक बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में किसान आंदोलन को समर्थन दिया गया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे नरेश सरपंच कन्हेटी एवं जयकिशन सरपंच मोरवाला ने बताया कि किसान आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए मंगलवार से मोरवाला गांव के मैन रोड़ पर शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। बैठक में ओम सरपंच इमलोटा, त्रिलोक सरपंच निमली, सतबीर सरपंच सांतौर, प्रसिद्ध समाज सेवी आनन्द धवन कन्हेटी, सुनील वाईस चेयरमैन कन्हेटी, सरपंच प्रतिनिधि अनिल पहलवान भागवी, पवन धवन कन्हेटी, नवीन तक्षक अधिवक्ता, राजवीर तक्षक, नीरज तक्षक, पाल बीडीसी मैम्बर भागवी आदि सतगामा खाप के प्रमुख पंच, सरपंच एवं ग्रामीण उपस्थित रहे।        

  बैठक में निर्णय लिया गया है कि सतगामा खाप द्वारा लिए गए फैसलों को सोमवार को सुबह सतसगामा के सभी गांवों में सुनाया एवं बताया जाएगा। सभी गांव के सरपंच अपने-अपने गांव में पंचायत कर प्रचार-प्रसार करेंगे तथा सतगामा खाप के लिए गए निर्णय से अवगत करवाया जाएगा। आंदोलन में सतगामा खाप अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। इसके अतिरिक्त ओम सरपंच इमलोटा ने कहा कि किसान आंदोलन में इमलोटा गांव की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी तथा पूरा गांव तन-मन-धन से साथ रहेगा। संजीव तक्षक ने बताया कि सतगामा खाप दिल्ली में चल रहे आंदोलन को समर्थन देगी तथा इसके साथ-साथ मोरवाला गांव में मैन रोड़ पर सतगामा खाप द्वारा शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि यदि सरकार इसी तरह अपने फैसले पर अड़ी रही तो सतगामा खाप कोई भी कठोर निर्णय ले सकती है।            

सतगामा खाप के सभी पंचों एवं सरपंचों ने कड़े शब्दो में कहा कि इस आंदोलन में सभी गांवों के लोग तन-मन-धन से भागीदार रहेंगे और कहा कि खाप द्वारा जो निर्णय लिया गया है उसका सभी गांव पालन करेंगे। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि बिल किसान हित के लिए उचित नहीं है, इन कृषि बिलों से सिर्फ पूजींपतियों को फायदा होगा, किसान इन बिलों के लागू होने से बर्बाद हो जाएगा। यह बात आज हर वर्ग का युवा एवं आमजन जान चुका है इसलिए सभी वर्ग किसानों के साथ खड़ा है तथा अपने सामर्थ्य अनुसार सहायता प्रदान कर रहा है।

  उन्होंने कहा कि तीनों काले कानून लागू होने से मण्डियां खत्म हो जाएगी तथा किसान बड़ी कम्पनियों का गुलाम बनकर रह जाएगा। इसलिए सरकार को चाहिए कि वे किसान हित में फैसला लें और बड़ी कम्पनियों को फायदा पहुंचाने की हठधर्मिता त्याग कर किसानों की मांगों को मान लें। उन्होंने यह भी कहा कि देश के करोड़ो अन्नदाता जो खुद भूखे रहकर जनता का पेट भरते है, तो उनकी इस हक की लड़ाई में खाद्य सामग्री एवं सहायती की कमी महसूस नहीं होने दी जाएगी। सतागामा खाप का हर वर्ग किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। उन्होंने कहा कि कई दिनों से इस ठिठुुरती सर्दी में आंदोलन कर रहे किसानों के लिए सरकार का रवैया नकारात्मक ही नजर आ रहा है और साफ प्रतीत होता है कि सरकार किसान हितैषी नहीं है।            

 उन्होंने कहा कि किसानों की मांग जायज है इसलिए मजदूर, कर्मचारी, छोटा कारोबारी, आम उपभोक्ता आदि किसानों के साथ खड़ा है। इन कृषि बिलों से सिर्फ पूंजिपतियों के अलावा किसी का हित नहीं है। अब सरकार को तुरंत प्रभाव से किसानों की मांग मानते हुए इन कानूनों को वापस लेना चाहिए और एमएसपी की गारंटी का कानून बनाने की दिशा में आगे बढ़ना चाहिए। उन्होंने कहा कि सतगामा खाप की तरफ से शांतिपूर्व प्रदर्शन तब तक चलता रहेगा जब तक सरकार इन कानूनों को वापिस नहीं लेगी। किसान आंदोलन में सर्वजातीय व सभी वर्गों के लोगों का किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर भाग लेने का जोश साफ दिखाई दे रहा है।

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