पूर्ण बहुमत के बावजूद सदन में चर्चा से क्यों डर रही है सरकार?- दीपेंद्र हुड्डा . किसानों का तिरस्कार और उनकी शहादत का अपमान ना करे सरकार- दीपेंद्र हुड्डा . किसान एक देशभक्त वर्ग है, उसकी देशभक्ति पर शक करना अपराध ही नहीं, घोर पाप है- दीपेंद्र हुड्डा 

3 जनवरी, चंडीगढ़ः सरकार को किसान आंदोलन की गंभीरता समझनी चाहिए और बिना देरी किए संसद व हरियाणा विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। ये मांग की है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने। दीपेंद्र हुड्डा लगातार आंदोलनरत किसानों के बीच पहुंच रहे हैं। आज भी उन्होंने प्रदेश के अलग-अलग टोल प्लाजा पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचकर उन्हें समर्थन का ऐलान किया और आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि दी। उनका कहना है कि सरकार मानो पूरी तरह बहरी हो चुकी है। उसे शांतिपूर्ण और लोकतांत्रिक तरीक़े से उठाई जा रही किसानों की आवाज़ सुनाई नहीं दे रही है। सरकार किसानों की प्रजातांत्रिक आवाज़ को दबाने की कोशिश कर रही है। लेकिन सरकार इस आवाज़ को जितना दबाएगी, उसकी गूंज उतनी ही ज़ोर से सुनाई देगी।

सांसद दीपेंद्र ने कहा कि देश का सबसे बड़ा वर्ग आज अपनी जायज़ मांगों को लेकर सड़कों पर है। सरकार ना सिर्फ इतने बड़े आंदोलन की अनदेखी कर रही है बल्कि, वो किसानों की शहादत को भी नज़रअंदाज़ कर रही है। ये उनकी शहादत का अपमान है। कड़कड़ाती ठंड और सत्ता की बेरूख़ी लगातार किसानों की जानें ले रही है। लेकिन सरकार देश की संसद और प्रदेश की विधानसभा पर ताले लगाए बैठी है। ना संसद और ना ही विधानसभा का सत्र बुलाया जा रहा है। जनप्रतिनिधि होने के नाते सभी सांसद और विधायकों का फ़र्ज़ बनता है कि वो अन्नदाता की आवाज़ को सदन में उठाए। लेकिन सरकार सदन में चर्चा से कतरा रही है। सवाल उठता है कि पूर्ण बहुमत के बावजूद सरकार को आख़िर किस बात का डर है? अगर उसकी नीति और नीयत ठीक है तो वो सदन में चर्चा से क्यों भाग रही है?

दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि हरियाणा सरकार 3 कृषि क़ानूनों पर सदन में वोटिंग तक करवाना नहीं चाहती और ना ही वो किसानों के मुद्दे पर अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना चाहती है। विपक्ष की मांग के बावजूद राज्यपाल अपनी संवैधानिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए विधानसभा का विशेष सत्र नहीं बुला रहे हैं। इतना ही नहीं, वो विपक्ष को मिलने का वक्त तक नहीं दे रहे हैं। सरकार और राज्यपाल का ये रवैया समझ से परे है। ऐसे में उनके सामने सड़क पर उतरकर किसान की आवाज़ उठाने के बजाए कोई रास्ता नहीं है। इसीलिए वो लगातार किसानों के बीच पहुंच रहे हैं और इस संघर्ष में उनके साथ खड़े हैं।

राज्यसभा सांसद ने कहा कि देश की सरकार अपनी जिद पर अड़ी है और लगातार किसानों की शहादत की ख़बरें आ रही हैं। किसान लाखों की तादाद में कड़ाके की ठंड और बारिश के बीच विभिन्न बॉर्डरों पर डटे हैं। जब एक ओर किसान कठोर संघर्ष में हो तो इस वर्ष मैं अपना जन्मदिन मनाने की सोच भी नहीं सकता। उन्होंने अपने सभी समर्थकों व शुभचिंतकों से आग्रह किया कि वे कल विभिन्न धरनों पर जाकर किसानों की सेवा करें, उनको समर्थन दें जिससे उन्हें पहले से ज्यादा आशीर्वाद मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सत्ता में बैठे लोग किसानों की मांगें मानने के बजाय उनका तिरस्कार कर रहे हैं। सत्ता पक्ष की तरफ से लगातार अन्नदाता की भावनाओं को आहत करने वाले बयान दिए जा रहे हैं। यहां तक कि सरकार में बैठे लोग किसान की देशभक्ति पर भी सवाल उठा रहे हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसान एक देशभक्त वर्ग है। वो खेतों में हाड़तोड़ मेहनत करके देश का पेट पालते हैं तो उनके बेटे देश की सीमा पर भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जानें देते हैं। इसलिए किसानों की देशभक्ति पर शक करना अपराध ही नहीं बल्कि घोर पाप है। सत्ता में बैठे हुए लोगों को कम से कम ऐसा पाप नहीं करना चाहिए।

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