कहा- अन्नदाता सड़कों पर ठिठुर रहा है, उनके वोट लेकर सत्ता तक पहुंचने वाले बंद कमरों में हीटर की आंच सेक रहे हैंसत्ता की गर्मी के चलते हुक्मरानों को नहीं हो रहा खुले आसमान के नीचे गिरते पारे में ठिठुर रहे अन्नदाता के दर्द का अहसास- सांसद दीपेंद्रसाल बदल रहा है लेकिन अन्नदाता के प्रति सरकार की सोच नहीं बदल रही- सांसद दीपेंद्रदेश का पेट पालने वालों की ऐसी बेकद्री बहुत दुख पहुंचाती है- सांसद दीपेंद्र 30 दिसंबर, रोहतकः साल बदल रहा है लेकिन अन्नदाता के प्रति सरकार की सोच नहीं बदल रही। देश का पेट पालने वाले अन्नदाता की ऐसी बेकद्री और सरकार की संवेदनहीनता बहुत दुख पहुंचाने वाली है। ये कहना है राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा का। सांसद दीपेंद्र एक बार फिर किसानों को समर्थन देने उनके बीच पहुंचे थे। रोहतक के मकड़ौली स्थित टोल प्लाजा पर धरनारत किसानों के बीच पहुंचे दीपेंद्र ने किसानों के प्रति सरकार के रवैये पर गहरी चिंता ज़ाहिर की। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश का किसान सड़कों ठिठुर रहा है लेकिन उनके वोट लेकर सत्ता तक पहुंचे लोग बंद कमरों में हीटर की आंच सेक रहे हैं। सत्ता की गर्मी के चलते हुक्मरानों को खुले आसमान के नीचे गिरते पारे की ठिठुरन सह रहे किसान के दर्द का अहसास नहीं हो रहा है। ऐसा लगता है कि अन्नदाता की अग्निपरीक्षा के बाद सरकार उसकी शीत परीक्षा ले रही है। लेकिन सरकार की ये परीक्षा किसानों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। लगातार 35 दिनों से चल रहे किसानों आंदोलन के दौरान 40 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है। बावजूद इसके सरकार का दिल नहीं पसीज रहा है। सवाल उठता है कि आख़िर सरकार किसानों की और कितनी क़ुर्बानियां लेना चाहती है? दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि किसानों की मांगे पूरी तरह जायज़ है। आज मजदूर, कर्मचारी, छोटा कारोबारी, आम उपभोक्ता, आम नागरिक हर वर्ग किसानों के साथ खड़ा है। क्योंकि सबको मालूम है कि ये 3 नए क़ानून अनके जीवन पर भी विपरित असर डालेंगे। तीनों क़ानून बड़े पूंजीपतियों के अलावा किसी के हित में नहीं हैं। सरकार को चाहिए कि वो तुरंत प्रभाव से किसानों की मांग मानते हुए इन क़ानूनों को वापिस ले और एमएसपी की गारंटी का क़ानून बनाने की दिशा में आगे बढ़े। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि वो लगातार किसानों के बीच जा रहे हैं और उनकी बात सुन रहे हैं। किसान सरकार के साथ किसी भी तरह का टकराव नहीं चाहते। वो पूरी तरह से अनुशासन और शांतिपूर्ण तरीक़े से इतने बड़े आंदोलन को आगे बढ़ा रहे हैं। लकिन सरकार की अनदेखी उन्हें बार-बार आहत कर रही है। उन्हें दुख है कि ‘जय जवान, जय किसान’ के नारे लगाने वाले देश में किसानों की बात नहीं सुनी जा रही है। इतना ही नहीं, किसानों की मौत तक को सरकार नज़रअंदाज़ कर रही है। सरकार की संवेदनहीनता ने सारी हदें पार कर दी हैं। दीपेंद्र हुड्डा ने कहा कि अब सरकार को किसानों के सब्र का और इम्तिहान नहीं लेना चाहिए और जल्द से जल्द उनकी मांगे माननी चाहिए। Post navigation रोहतक में मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी ने की खुदकुशी लड़की के परिजनों ने कोर्ट मैरिज करने जा रहे प्रेमी जोड़े की कर दी हत्या ! रोहतक में ऑनर किलिंग