चौथा दिन- भाजपा-जजपा नेताओं के बहिष्कार का प्रस्ताव पास, जोरदार नारेबाजी कर किया प्रदर्शन चरखी दादरी जयवीर फोगाट, केंद्र सरकार किसानों के हौंसले की परीक्षा ना ले और अविलंब हठधर्मिता छोड़कर तीनों कृषि कानून रद्द कर एमएसपी की गारंटी दे। ये चेतावनी कितलाना टोल पर चौथे दिन किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने दी। उन्होंने कहा कि 3 डिग्री के ठंडे तापमान में दिल्ली के चारों ओर लाखों किसान शांतिपूर्ण धरने पर बैठे हैं और सरकार मूक दर्शक बनी हुई है। सरकार हमें बांटने और तोड़ने का कुचक्र चला रही है पर इसमें कामयाब नहीं होगी। धरने पर किसानों ने सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। भाजपा और जजपा नेताओं के बहिष्कार का सर्वसम्मति से हाथ उठाकर प्रस्ताव पारित किया। लगातार चौथे दिन टोल फ्री होने से लाखों रुपए का फटका लगने का अनुमान है। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खाप फौगाट के सचिव सुरेश फौगाट, खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, चौधरी छोटूराम और अम्बेडकर मंच के सह संयोजक बलबीर बजाड़, किसान सभा के सज्जन कुमार सिंगला के संयुक्त संयोजन में दिए जा रहे अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि सरकार तीन कृषि कानूनों की आड़ में आम जन की आंखों में धूल झोंकना चाहती है। इन कानूनों से किसानों पर तो मार पड़ेगी ही मजदूर वर्ग भी अछूता नहीं रहेगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली का खत्म होना लाजमी है। जिस कारण सस्ता अनाज मिलना बंद हो जाएगा। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। धरने पर वक्ताओं ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का हस्र इस इलाके के किसान पहले ही देख चुके हैं। मूली के बीज का कॉन्ट्रैक्ट करने वाली कई कंपनियां भाग खड़ी हैं। इससे बहुत से किसान कर्ज के बोझ के तले दब चुके हैं। नए कानून में बड़ी कंपनियों के इस फील्ड में उतरने से और बड़ा खतरा होगा। सरकार की भावन्तर योजना ने भी कई टमाटर उत्पादक किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। बहुत से किसान अब भी जे फॉर्म रखे बैठे हैं पर उन्हें भावन्तर के अभी तक पैसे नहीं मिले। इन तीन कृषि कानूनों और बिजली अधिनियम 2020 का नुकसान भांप देश भर के किसान आंदोलन की राह पर चल पड़े हैं। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती उनका संघर्ष जारी रहेगा। किसान,मजदूर, कर्मचारी और सामाजिक संगठनों से जुड़े लोगों ने कहा कि किसान अब अकेला नहीं है और ये आंदोलन अब जनांदोलन बन गया है। समाज के हर वर्ग का समर्थन किसानों के साथ है। संयुक्त किसान मोर्चा के कहने पर अभूतपूर्व भारत बंद उसके बाद कामयाब जिला स्तर पर धरने, प्रदर्शन और अब टोल फ्री करवाने से सरकार एकजुटता की बानगी देख चुकी है। इस अवसर पर किसान सभा के मास्टर शेर सिंह, करतार ग्रेवाल, राजू मान, रणधीर घिकाड़ा,कमल प्रधान, जितेंद्र नाथ, गंगाराम श्योराण, सूबेदार सतबीर, सज्जन डांडमा, धर्मेन्द्र छपार, रिसाल कौर, संतोष देशवाल, सोमबीर बाढड़ा, सुखदेव, पूर्व सरपंच समुन्द्र सिंह, मास्टर राज सिंह, रणधीर कुंगड़, अमित अलखपुरा, छात्र नेता क्रांति, इंद्र राणा, कमल सिंह, कंवर सिंह जांगड़ा ने भी अपने विचार रखे। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान मौजूद थे। Post navigation ख़बरों के पीछे दौड़ती पत्रकारिता, थोड़ी रैड लाइट की जरूरत गोशाला प्रधान मोहनलाल अग्रवाल पर घर में घुसकर किया जानलेवा हमला