कला व कलाकारों को खत्म करने पर जुटी केंद्र सरकार : विश्वदीपक त्रिखा विश्वदीपक त्रिखा रोहतक, 22 दिसम्बर। खेल एवं युवा विभाग कार्यक्रम द्वारा आयोजित होने वाले यूथ फेस्टिवल में समय कटौती करने के कारण आज वरिष्ठ कलाकारों की एक बैठक स्थानीय सुभाष नगर में वरिष्ठ रंगकर्मी विश्वदीपक त्रिखा की अध्यक्षता में हुई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सरकार कला व कलाकारों को खत्म करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि खेल एवं युवा विभाग हरियाणा सरकार द्वारा हर साल ओपन यूथ फेस्टिवल युवा समारोह आयोजित किया जाता रहा है। जिसमें कला क्षेत्र में कदम रखने वाले प्रतिभागियों को एक अच्छा मंच मुहैया होता था। जिसके माध्यम से वे राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान स्थापित कर पाते थे। लेकिन मौजूदा सरकार इस यूथ फेस्टिवल के लिए तरह-तरह की गाइडलाइंस जारी कर इसके महत्व को ही खत्म करने पर उतारू है। उन्होंने कहा कि इस बार सरकार द्वारा युवा महोत्सव को ऑनलाइन करने की गाइडलाइंस विभाग ने जारी की हैं। जिससे जितने भी आइटम्स इस युवा महोत्सव में प्रस्तुत किए जाएंगे उनमें थिएटर यानी रंगमंच को एक मजाक बना दिया गया है। उन्होंने बताया कि जारी गाइडलाइंस के अनुसार नाटक प्रस्तुति की जो अवधि अब रखी गई है वो सिर्फ चार मिनट की है। जबकि यह अवधि पहले 30 से 45 मिनट तक हुआ करती थी। इतने कम समय में कोई भी नाटक प्रस्तुति नहीं हो पायेगी। जिससे यह यूथ फेस्टिवल मजाक का पात्र बन जायेगा। वरिष्ठ रंगकर्मी कृष्ण नाटक ने कहा कि सरकारी विभागों में वैसे भी रंगमंच और कलाकारों को हमेशा से मजाक के रूप में लिया जाता रहा है। शायद सरकारी विभाग में बैठे इन अधिकारियों को लगता है कि रंगमंच फालतू की चीज है। इसीलिए सिर्फ खाली स्थान भरने के लिए रंगमंच को स्थान दिया गया है। जबकि अगर दूसरे आइटम्स को देखेंगे तो उनकी प्रस्तुति का समय लगभग वही है, जो पहले हुआ करता था। उन्होंने कहा कि कोई भी ऐसी कला जो सरकार की पोल खोलती हो या उसे आईना दिखाती हो या सरकारी सिस्टम की पोल खोलती हो उस समय सीमा घटा दी गई है। लेकिन सरकार व अधिकारी यह बात भूल रहे हैं कि रंगमंच के कलाकार इस मामले में चुप नहीं बैठेंगे और इस समय की कटौती का खुलकर विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि इस निर्णय का पहला विरोध तो यही होगा कि इस युवा महोत्सव का रंगमंच के कलाकारों द्वारा बायकाट किया जाएगा। उसके बाद उन अधिकारियों से सवाल पूछा जाएगा कि आखिर नाटक को 4.00 मिनट देकर वे क्या साबित करना चाहते हैं? इस अवसर पर मुख्य रूप से डॉ. सुरेन्द्र कृष्ण, अविनाश सैनी, गुलाब सिंह, विकास रोहिल्ला, रवि नाटक, डॉ. हरीश वशिष्ठ, अनिल शर्मा, गौरव चौहान, माल्विका, रिंकी बत्तरा, महक कथूरिया, मानसी मिगलानी, मधु चोपड़ा, सुरेन, हिमांशु, आनंद, मंजीत, शिवम, अजहर, अजीत आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे। Post navigation हरियाणा के लेखकों /कलाकारों को प्रोत्साहन देना लक्ष्य : धीरा खंडेलवाल नववर्ष की पूर्व संध्या पर ऑन-लाईन अंतराष्ट्रीय कवि सम्मेलन 31 को