चंडीगढ़,21 दिसंबर। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने आरोप लगाया है कि महिला एवं बाल विकास विभाग में रिक्त पद होने के बावजूद वरिष्ठ एवं पात्र सुपरवाइजरों को सीडीपीओ प्रमोट नही कर रहा है। विभाग की ओर से प्रमोशन की सभी औपचारिकताएं पूरी करके विभाग की मंत्री के कार्यालय में लंबित है। जिसको लेकर विभाग का काम बुरी तरह प्रभावित हो रहा है और डीपीसी द्वारा प्रमोशन के लिए चयनित सुपरवाइजरों में भी भारी आक्रोश बढ़ रहा है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा ने मुख्यमंत्री से मामले में आवश्यक हस्तक्षेप करने की मांग की है। सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष लांबा ने यह आरोप लगाते हुए बताया कि विभाग में महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों (सीडीपीओ) के लिए 60 रिक्त हैं। पद रिक्त होने के कारण ज्यादातर जिलों में पद रिक्त हैं। आलम यह है कि एक महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी के पास चार चार खंडों के चार्ज हैं। इन महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारियों को दूसरे जिले के भी अतिरिक्त चार्ज दिए हुए हैं। जिला जींद की अधिकारियों को जिला कैथल के खंडों, सोनीपत व करनाल जिले की अधिकारियों को जिला पानीपत के खंडों का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है। उन्होंने बताया कि विभाग में लगभग 43 अधिकारियों की सीधी भर्ती के पद रिक्त हैं और 17 पद पदोन्नति से भरे जाने हैं। विभाग का काम सुचारू रूप से चलाने के लिए विभाग द्वारा 15 अक्टूबर,2020 को डीपीसी की मीटिंग आयोजित की गई व 17 सुपरवाइजरों की पदोन्नति की शिफारिश करके फाइल मंत्री कमलेश ढांडा के पास भेज दी गई। लेकिन लगभग ढाई महीने के बाद भी मंत्री ने पदोन्नति की फाईल नहीं निकाली है। Post navigation ओवरलोडिंग माइनिंग वाहनों पर नकेल कसने के लिए मुख्य सचिव श्री विजय वर्धन ने कसी कमर जेजेपी के संगठन में विस्तार, राष्ट्रीय व प्रदेश स्तर पर महत्वपूर्ण नियुक्तियां