कमलेश भारतीय

किसान आंदोलन लगातार जारी है । इसके बावजूद भाजपा ने समांतर उपवास कार्यक्रम शुरू कर दिये और हरियाणा में तो एसवाईएल के पानी की मांग भी जोड़ दी । है न एक बेसुरा राग । जब किसान तीन कानूनों का विरोध कर रहे हों और आप एसवाईएल के पानी का राग छेड़ें तो इसे बेसुरा राग ही कहा जायेगा और किसान संगठन कह भी रहे हैं कि हमारे आंदोलन से ध्यान हटाने के लिए यह उपवास का खेल शुरू किया है भाजपा ने । मांग पर कोई ध्यान नहीं है । मनोहर लाल खट्टर जी कब गंभीर थे एसवाईएल के लिए इस आंदोलन से पहले ? फतेहाबाद में ऐसे उपवास करने वालों को खदेड़ दिया गया तो हिसार मे पुलिस की छत्रछाया में उपवास की रस्म पूरी की जा सकी ।

उधर पश्चिमी बंगाल में ऑपरेशन लोटस के पहले चरण में तृणमूल कांग्रेस, माकपा और कांग्रेस के दस विधायकों ने अमित शाह की मौजूदगी में कमल थाम लिया यानी पाला बदल लिया और शाह ने बड़े अहंकार से कहा कि दीदी चुनाव आने तक अकेली रह जाओगी । यह पश्चिमी बंगाल की सभ्य और सुशिक्षित जनता ने फैसला करना है कि क्या किया जाये इन बिकाऊ दस विधायकों के साथ । शुभेंदु की महत्त्वाकांक्षाओं का कोई अंत नहीं । वे मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री से कम नहीं पद के लिए नहीं आए हैं । बाकी के विधायक अपनी जानें । खुला खेल फरूखाबादी शुरू कर दिया अपने शाह जी ने । अब जिसकी जितनी कीमत है लगा ले ।

सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस में सोनिया गांधी बागी नेताओं से बातचीत का दौर शुरू कर चुकी हैं । बागी जो हाल ही में बयानवीर बन रहे हैं । यह मांग लेकर कि स्थायी अध्यक्ष लाओ । चुनाव की मांग कर रहे हैं और सोनिया की कोशिश कि बिना चुनाव के बात बन जाये और कांग्रेस की गुटबाजी ढंकी रह जाये । बहुत कुछ है । बहुत घटनाक्रम हैं ।

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