भिवानी/मुकेश वत्स हरियाणा को हराभरा बनाने के लिए एसवाईएल के पानी को वाया हिमाचल से लाने की मांग को लेकर एसवाईएल हिमाचल मार्ग समिति के पदाधिकारियों ने लघु सचिवालय में एक दिवसीय सांकेतिक उपवास रखा। समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र नाथ ने बताया कि सरकार एसवाईएल के पानी को पंजाब से लाने पर अड़ी हुई जबकि अकाली भाजपा गठबंधन की पंजाब सरकार किसानों को एसवाईएल नहर प्रोजेक्ट की जमीन 16 नवंबर 2016 को वापस कर चुकी है। इसलिए वहां से पानी लाने के लिए पुन: जमीन अधिग्रहण के लिए 7 हजार करोड़ रूपये व नहर का पून निर्माण में 5 हजार करोड़ रूपये समेत लगभगभग 12 हजार करोड़ रूपये का खर्च आएगा लेकिन वाया हिमाचल से लाने में 4 हजार करोड़ रूपये का खर्च आएगा। उन्होंने बताया कि इसके बारे में समिति ने अनेक बार प्रोजेक्ट तैयार कर सरकार को भेजा जा चुका है। उन्होंने बताया कि पंजाब से 156 व हिमाचल के रास्ते से नहर तैयार करने में केवल 67 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ेगी और वहां की जमीन भी बैरानी है जिसपर कम लागत आएगी। उन्होंने कहा कि हिमाचल में, हरियाणा में व केन्द्र में भाजपा की सरकार है इससे बेहतरीन अवसर नहीं मिल सकता है। अगर सरकार चाहे तो एसवाईएल के मसले का समाधान कर सकती है।उन्होंने बताया कि समिति द्वारा तैयार किए गए प्रोजेक्ट पर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए अनेक बार जिला व ब्लॉक स्तर पर उपायुक्त व तहसीलदारों के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा जा चुका Post navigation किसान खेत मजदूर संगठन ने आंदोलनरत किसानों को दिया समर्थन किसान कृषि कानून नहीं चाहता तो सरकार क्यो थौंप रही है जबरदस्ती: कमल