• सिंघड़ा पहुँचकर संत बाबा राम सिंह जी के अंतिम दर्शन किये, श्रद्धांजलि दी और अंतिम संस्कार में शामिल हुए
• राम सिंह जी महान संत थे, उन्होंने किसानों की जायज मांगों के ख़ास मकसद के लिए आत्मबलिदान दिया- भूपेंद्र हुड्डा
• 23 दिनों में अब तक 22 किसान जान गंवा चुके, हठधर्मिता छोड़े सरकार – भूपेंद्र हुड्डा

करनाल, 18 दिसंबर। पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा आज गाँव सिंघड़ा, करनाल में संत बाबा राम सिंह जी की अंतिम संस्कार में शामिल होने पहुंचे। इससे पहले उन्होंने बाबा राम सिंह जी के अंतिम दर्शन किये और उनके पार्थिक शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावभीनी विदाई दी। फूलों की वर्षा के साथ वाहेगुरु जी के सिमरन के बीच संत राम सिंह जी का पार्थिव शरीर करनाल के नानकसर सिंगरा गुरुद्वारा से अंतिम संस्कार के लिए अंगीठा (समाधि) लाया गया, जहां उनकी अंत्येष्टि सम्पन्न हुई।

भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि राम सिंह जी महान संत थे। उन्होंने किसानों के समर्थन में ख़ास मकसद के लिए आत्मबलिदान दिया है। सरकार किसानों के बलिदान से सबक ले। किसानों की मांगें जायज हैं सरकार को उन्हें जल्द से जल्द मान लेना चाहिए। यही संत राम सिंह जी व सभी शहीद किसानों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। उन्होंने आगे कहा कि 23 दिनों से चल रहे किसान आन्दोलन में अब तक 22 किसान अपनी जान गंवा चुके हैं। सरकार किसानों के सब्र का और इम्तिहान न ले।

उन्होंने यह भी कहा कि अपनी जायज मांग के साथ किसान शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली की सीमाओं पर खुले आसमान के नीचे कड़ाके की ठंड में बैठे हैं। लेकिन सरकार टस से मस नहीं हो रही है। किसानों की परेशानी और उनकी पीड़ा से हर हिन्दुस्तानी का मन दु:खी है फिर भी सरकार हठधर्मी रवैया अपनाए हुए है। उन्होंने कहा कि प्रजातंत्र में लोगों द्वारा चुनी हुई सरकार को हठ नहीं करना चाहिए। प्रजातंत्र में हठधर्मिता का कोई स्थान नहीं है।

error: Content is protected !!