सरकार आंदोलनरत किसानों पर दबाव बनाने की नीति पर आ गई है: प्रेमवती गोयत

भिवानी।  महिला कांग्रेस की ग्रामीण जिला प्रधान प्रेमवती गोयत ने कहा है कि सरकार के पास आंदोलनरत किसानों के किसी भी सवाल का संतोषजनक जबाव नहीं है तो अब भाजपा ने अपने नेताओं को किसानों पर दबाव बनाने के लिए मैदान में उतारा है। जिद पर अड़ी मोदी सरकार अब किसानों पर दबाव बनाना चाह रही है। परन्तु धरती पुत्र किसान किसर दबाव में आने वाले नहीं हैं।

उन्होने कहा कि सरकार ने बहुमत के घमंड में सारी संसदीय परंपराओं और प्रक्रियाओं को दरकिनार कर बिना चर्चा के तीन कृषि बिल पास करा लिया। जबकि यह सर्वविदित है कि उस दिन सत्तारुढ़ दल के पास बहुमत नहीं था। प्रेमवती गोयत ने कहा कि आगे कहा कि व्यापारी के व्यापार, नौजवान के रोजगार, मजदूर की मजदूरी पर चोट मारने के बाद अब सरकार की टेढ़ी नजर किसान और कृषि पर है।

उन्होंने कहा कि जो अन्नदाता के साथ विश्वासघात करेगा उसे आने वाला समय माफ नहीं करेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि जिस देश में किसान का सम्मान नहीं वो देश आगे नहीं बढ़ सकता। देश का अन्नदाता शांतिप्रिय तरीके से लोकतंत्र की मर्यादा में अपनी जायज मांगों के साथ सरकार के दरवाजे पर आया है। लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई करने की बजाय सारे दरवाजे बंद कर रही है। उन्होंने सरकार से अपील की कि वों तुरंत समाधान निकाले, किसानों की बात मानते हुए तीनों बिलों को वापस ले। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि भाजपा नेता किसानों के बीच जाकर बात करने की बजाए होटलों में प्रैस वार्ताएं कर रहे हैं। इससे किसानों का भला होने वाला नहीं है।

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