देश के समस्त किसान संगठनों के आहवान पर किसानों के समर्थन में सयुंक्त किसान मोर्चा गुरूग्राम के बैनर तले किसानों, मजदूरों, विभिन्न सामाजिक संगठनों, राजनैतिक दलों एवं गुरूग्राम के 36 बिरादरी के गणमान्य व्यक्तियों ने किसानों की मांगों के समर्थन में सयुंक्त किसान मोर्चा, गुरूग्राम के अध्यक्ष एवं जिला बार एसोसिएशन गुरूग्राम के पूर्व प्रधान चौधरी संतोख सिंह की अध्यक्षता में शान्ति पूर्वक धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन गुरूग्राम के मोर चौक से शुरू होकर उपायुक्त कार्यालय गुरूग्राम तक किया गया। धरना प्रदर्शन के दौरान किसान एकता जिन्दाबाद तथा काले कानून वापिस लो के नारे गुंजे। धरना प्रदर्शन में 36 बिरादरी के गणमान्य, युवा एवं भारी संख्या में मातृ शक्ति उपस्थित हुए।

धरना प्रदर्शन का नेतृत्व चौधरी संतोख सिंह, राव कमलबीर सिंह, पार्षद आर.एस.राठी, पार्षद गजेसिंह कबलाना, बजघेडा के पूर्व संरपंच बीरू संरपंच, सतबीर संधू, सुधीर चौैधरी पदौदी, डॉ समशुद्दीन सोहना, कल्याण सिंह, नवनीत रौज, कामरेड सतबीर सिंह, जय प्रकाश रेडडू, मनोज शौरान, सुनील कटारिया, डॉ धर्मबीर राठी, लखपत जांघू में किया गया। दस अवसर पर सभी ने सयुक्तं रूप से एक स्वर में कहा कि नये कृषि कानून जनविरोधी है, दनको रदद करके एमएसपी की गांरटी का कानून बनाए सरकार। उन्होने कहा कि सरकार खेत खलिहानों को बड़े पूंजीपतियों के हाथ गिरवी रखने का षडसंत्र कर रही है। कान्ॅट्रैक फारमिंग से किसान अपने ही खेत मे मजदूर बन कर रह जाएंगे। नये कृषि कानूनों से जमाखोरी, मुनाफाखोरी तथा कालाबजारी बढ़ेगी। नये कृषि कानून किसान के व मजदू वर्ग के लिए डैथ वांरट है। कुछ चीजे ऐसी है, जो जीवन के लिए बहुत जरूरी है। अगर दंसान को कुछ दिनों तक खना नही मिलेगा तो उसका जिंदा रहना भी मुश्किल हो जाएगा। इसलिए सरकार ने जीवन के लिए आवश्यक बस्तुओं आटा, दाल, अनाज और सब्जियों को आवश्यक वस्तुएं घोषित करके कानून बनाया था, जिससे कि आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन आपूर्ति और वितरण को नियंत्रण किया जा सके। ताकि आम आदमी को खाना उचित दाम पर उपलब्ध हो सके तथा अपना जीवन बचा सके। आज कि सरकार ने आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 में बदलाव का दिया है जिससे अनाजों, दलहनों, खादय तेल, आलू और प्याज आदि को अनिवार्य वरूतुओं की सूची से हटा दिया है। साथ ही इससे स्टॉक लिमिट भी हटा दी है, जिससे जमाखोेरी, मुनाफाखोरी तथा कालाबजारी बढेगी तथा बाजार पर पूरी तरह से पुंजीपति व्यापारियों का कब्जा हो जाएगा।

उन्होने कहा कि सरकार हठधर्मिता छोड़े तथा किसानों की मांग माने। उन्होने सरकार से एक स्वर में मांग की कि तीनों काले कानूनों को रद्द किया जाएं तथा एमएसपी की गांरटी का कानून बनाए भारत सरकार। धरना प्रदर्शन में पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के सदस्य प्रवेश यादव, जिला बार उसोसिएशन के प्रधान अभय सिंह दायमा, सचिव निकेश राज यादव, उपप्रधान राहुल डागर, सहसचिव संदीप यादव, पूर्व प्रधान मीर सिंह यादव, संजीव शर्मा, नरेश यादव सरहौल, पूर्व पार्षद जसबीर छाकरान, सुनीता सहरावत, सुमन सहरावत एडवोकेट, अलरीना एडवोकेट, सर छोटूराम एजुकेशनल एण्ड़ कल्चरल सोसाईटी के अध्यक्ष प्रोफेसर शाम सिंह, पूर्व पार्षद रमा राठी, पुष्पा धनखड़, पुनम सहरावत, मनोज भारद्वाज, सोहना से सुधीर शर्मा, संजय सेन, ओमप्रकाश पांचाल, योगेश, योगिन्द्र सिंह, अजीत घोडारोप घाटा सहित गुरूग्राम की 36 बिरादरी के गणमान्य व्यक्तियों ने ट्रैड युनियनों के प्रमुख कार्यकर्ताओ ंने जिला उपायुक्त अमित खत्रीजी के माध्यम से राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौपा, जिस पर उपायुक्त महोदय ने आश्वासन दिया कि आपकी मांगों को राष्ट्रपति महोदय को भेजा जाएगा।

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