भिवानी/मुकेश वत्स  

विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के द्वारा सेठ मूल चंद मंदिर में शौर्य दिवस के अवसर पर त्रिशूल दीक्षा का कार्यक्रम आयोजित हुआ। इस अवसर पर बजरंगियों    ने त्रिशूल दीक्षा लेते हुए ये संकल्प लिया कि वे देश ओर समाज के उत्थान व सुरक्षा के लिए सदैव तैयार रहेंगे। इस अवसर पर विश्व हिंदू परिषद व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने उत्साह के साथ इस शौर्य दिवस पर त्रिशूल दीक्षा में भाग लिया।

इस कार्यक्रम में मुख्य सानिध्य  में स्वामी सिद्धस्वरूप ने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल एक ही संस्था है, जो हिन्दू धर्म के लिये सदैव तत्पर रहते है। स्वामी जी ने कहा कि देश की सेवा संस्कारो में रह कर करना हमारा उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने बजरंगी कार्यकर्ताओ को हनुमान जी का रूप बताया। भगवान श्रीराम जी का कार्य करने के लिये जिस प्रकार हनुमान जी हमेशा तैयार रहते थे उसी प्रकार सभी बजरंगी देश हित में काम करने के लिए सभी बजरंगी तैयार रहने चाहिए। स्वामी जी ने कहा देश और धर्म के लिये काम करने के लिये कभी भी घबराना नही चाहिए। उन्होंने कहा कि तिशूल का मतलब कोई अस्त्र शस्त्र नही है ये तो हिन्दू धर्म का प्रतीक है। भगवान शंकर ने कभी भी त्रिशूल को शस्त्र के रूप में इस्तेमाल नही किया। इसीलिए हम भी त्रिशूल को शस्त्र के रूप में इस्तेमाल नही कारण चाहिए और त्रिशूल हमारे आराध्य भगवानो ब्रह्मा विष्णु और भगवान शंकर का प्रतीक है। जिस प्रकार तीनो शक्तियां एक है उसी प्रकार त्रिशूल भी तीनो शक्तियों का मिला जुला रूप इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रदीप बंसल व भिवानी विभाग मंत्री सुरेंद्र सिंह ने कहा कि हमे सदैव एक होकर देश हित के कार्य करने चाहिए।

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