मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब एमएसपी के पक्षधर थेप्रधानमंत्री ने अपने चहेतों को खुश करने के लिए ये कानून बनाएइनेलो का कार्यकर्ता किसान संगठनों के झण्डे के नीचे आंदोलन में शामिल हैआंदोलनरत किसानों को इनेलो चिकित्सा प्रकोष्ठ के लगभग 150 डॉक्टर चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध करवाएंगेइनेलो आंदोलनरत किसानों को राशन, दवाइयां और कम्बल वितरित करेगाइनेलो मेयर का चुनाव अपने सिंबल पर लड़ेगा चंडीगढ, 4 दिसम्बर: मैं स्वयं धरना स्थलों पर जाकर आंदोलन का संचालन करने वालेे किसान संगठन के नेताओं से मिलूंगा और समर्थन देने के अलावा इस आंदोलन को सफल बनाने में कैसे मदद कर सकते हैं उस पर चर्चा करुंगा। किसान नेता जो भी हमारी जिम्मेवारी लगाएंगे उसे हम अग्रिम पंक्ति में खड़े होकर निभाएंगे फिर इसके लिए चाहे कितनी बड़ी कुर्बानी देनी पड़े हम पीछे नहीं हटेंगे, ये बात शुक्रवार को इंडियन नेशनल लोकदल के प्रधान महासचिव व ऐलनाबाद के विधायक अभय सिंह चौटाला ने चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि जिस दिन किसान आंदोलन शुरू हुआ था, उसी दिन ऐलान कर दिया था कि इनेलो पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता इस आंदोलन को मजबूत करने और केंद्र की सरकार को तीनों काले कानूनों को खत्म करने के लिए कंधे से कंधा मिलाकर इस लड़ाई को लड़ेगा। उन्होंने कहा कि देश के किसी भी किसान संगठन ने इन कृषि कानूनों की मांग नहीं की थी। केंद्र सरकार तीनों काले कानूनों को खत्म करके किसानों को फसल की एमएसपी की गारंटी दे और जो भी किसान की फसल को एमएसपी से नीचे खरीदे उस पर आपराधिक मुकद्दमा दर्ज कर सजा का प्रावधान करे, साथ ही यह सुनिश्चित करे कि स्वामीनाथन की रिपोर्ट के अनुसार किसान को उसकी फसल का दाम मिले। उन्होंने कहा कि जहां हम इन कानूनों की निंदा करते हैं वहीं पूरे प्रदेश के किसानों और राजनीतिक संगठनों से अपील करते हैं कि वो राजनीति से ऊपर उठकर आंदोलन कर रहे किसानों के साथ मजबूती से खड़े होकर साथ देें। उन्होंने कहा कि 8 अप्रैल 2010 में जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे तब केवल राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्होंने एक ग्रुप बनाया था जिसमें महाराष्ट्र, आंध्रा और तामिलनाडू के मुख्यमंत्रियों को शामिल किया गया था। इस ग्रुप के चेयरमैन स्वयं नरेंद्र मोदी थे, तब इन्होंने तत्कालिन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एक चिट्ठी लिखकर 64 सूत्रीय एक्शन प्लान दिया था जिसमें एमएसपी का जिक्र किया गया था। उस चिट्ठी में कलॉज बी3 में इन्होंने कहा था कि ‘‘सामाजिक निकाय के माध्यम से किसानों के हितों को शुरक्षित करना होगा’’ और कहा कि किसान और व्यापारी के बीच होने वाले लेन-देन पर एमएसपी से नीचे कोई खरीद नहीं होनी चाहिए ताकि किसानों को कोई घाटा ना हो लेकिन अब प्रधानमंत्री ने केवल अपने चहेतों को खुश करने के लिए ये कानून बनाए हैं। एक प्रश्न का जवाब देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी बनती है कि जो आंदोलनरत किसान हैं उनको मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाए लेकिन हरियाणा में सरकार नहीं जंगलराज है। हमने प्रदेश के सभी जिलों के पार्टी के चिकित्सा प्रकोष्ठ के करीब 150 डॉक्टरों की जिम्मेदारी लगाई है कि धरनास्थल पर जाकर बीमार लोगों को चिकित्सा सुविधा मुहैया करवाएंगे। साथ ही राशन, दवाइयां और कम्बल भी वितरित करेंगे। किसान संगठनों द्वारा उनके इस्तीफे की मांग पर प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अगर ऐसी मांग की गई तो तुरंत उसी वक्त अपना इस्तीफा उन्हें लिखकर दे देंगे और विधानसभाध्यक्ष को भेज देंगे। उन्होंने कहा कि विधायक तो बहुत छोटी सी बात है, हमारी रगों में चौधरी देवी लाल का खून है जिन्होंने मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री के पद को भी त्याग दिया था। एक प्रश्र का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हमारा कार्यकर्ता किसान संगठनों के झण्डे के नीचे इस आंदोलन में शामिल है इनेलो के झण्डे के तले नहीं। उन्होंने किसान संगठनों से अपील की कि उन्हें राजनैतिक संगठनों का समर्थन लेना चाहिए ताकि सरकार पर और ज्यादा दबाव बनाया जा सके। नगर निगम के चुनाव पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इनेलो मेयर का चुनाव अपने सिंबल पर लड़ेगी तथा पार्षद का चुनाव पार्टी सिंबल पर नहीं लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि बड़ी हैरानी की बात है कि जो सरकार में शामिल है वो भी किसानों के मुकदमे वापिस लेने की मांग कर रहे हैं। अगर उनकी नहीं चलती तो अखबारों में बयान देने की बजाय सरकार से तुरंत समर्थन वापिस ले लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये वो लोग हैं जिन्होंने अपनी आत्मा बेच रखी है, आज सोशल मीडिया में लोग इनके बारे में कितनी गलत भाषा का प्रयोग कर रहे हैं लेकिन इनके कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। इनको सिवाय लूट मचाने के दूसरा कोई काम नहीं। विस में भी हमने मुख्यमंत्री को कहा था कि आपके सहयोग प्रदेश को लूट रहे हैं पर मुख्यमंत्री के पास कोई जवाब नहीं था। सरकार से वार्ता करने में इनेलो के नेता भी शामिल हैं, के प्रश्न का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि जो किसान संगठन इस आंदोलन की अगुआई कर रहे हैं वो ही सरकार से बातचीत कर रहे हैं, हमारी पार्टी के लोग तो इनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। उन्होंने आशंका जताते हुए कहा कि जिस तरह से सरकार हररोज इस मामले को टाल रही है लगता नहीं है कि सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है लेकिन अबकी बार किसानों ने फैसला कर लिया है कि सरकार से आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। आंदोलन को कमजोर करने पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए इनेलो नेता ने कहा कि आरएसएस के लोग हमेशा किसी भी आंदोलन को कमजोर करने के लिए औच्छे हथकंडे अपनाते हैं, यहां भी ऐसा करने की पूरी संभावना है लेकिन इस बार वो अपने मनसूबों में कामयाब नहीं होंगे।उन्होंने कहा कि शराब और धान घोटाले पर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल करेंगे और कहा कि हमें उम्मीद है कि कोर्ट इस पर संज्ञान लेगी और इसकी जांच सीबीआई से करवाने का आदेश देगी। Post navigation किसान आन्दोलन के 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