–कमलेश भारतीय किसान आंदोलन के बीच सुप्रीम कोर्ट ने एक बहुत प्रेरणादायक फैसला सुनाया कि पेड़ नहीं काटे जायेंगे , सड़क बनाने के लिए । हां । आप चाहो तो सड़क को थोड़ा घुमा लो ताकि पेड़ बचे रहें । कितना शानदार फैसला आया यह कृष्ण गोवर्धन रोड प्रोजेक्ट पर । इसमें यूपी के मथुरा शहर में इस प्रोजेक्ट के लिए तीन हजार पेड़ काटने की अनुमति मांगी गयी थी । चीफ जस्टिस एसए बोगडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस पर हैरानी जताते सवाल पूछा कि सड़क को सीधा बनाने की क्या जरूरत? सड़क पेड़ों को बचाते हुए घुमावदार भी तो बनाई जा सकती है । जहां पेड़ सामने आ जायें वहां सड़क को दूसरी ओर मोड़ लो । इससे वाहनों की गति कम होने पर हादसे भी कम होंगे । चीफ जस्टिस ने यह भी पूछा कि इतने पेड़ों की भरपाई कैसे करेंगे? सरकार ने काटे जाने वाले पेड़ों की उम्र पूछी है । इसके लिए चार सप्ताह यानी एक माह का समय दिया है । अगर हिसारवासियों को याद हो तो पिछले साल मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के आगमन पर जिंदल चौक के पास कितने ही पेड़ों की छंटनी कर दी गयी थी ताकि मुख्यमंत्री के काफिले को कोई परेशानी न हो । इसके विरोध में कुछ संस्थाओं ने धरना भी दिया था । पेड़ हमारे प्राण रक्षक हैं । यह बात बच्चा बच्चा जानता है । फिर भी पता नही क्यों पेड़ कटने की खबरें आती रहती हैं जो बहुत दुखद हैं । वैसे कुछ वर्ष पूर्व आर्ट ऑफ लिविंग के श्री श्री रविशंकर ने यमुना किनारे उत्सव आयोजित किया था तब भी शोर मचा था ग्रीनरी का , हरियाली बचाने का । प्रधानमंत्री तक आए थे और रविशंकर जी सिर्फ पांच लाख देकर फिर शायद भूल गये थे । क्या परिणाम हुआ कह नहीं सकता पर यदि एक ऐसे समाज को बदलने वाले व्यक्ति ऐसा कोई कृत्य करते हैं तो क्या कहा जाये ? करनी और कथनी एक होनी चाहिए । हमारे शहर में पेड़ बचाने और पेड़ लगाने मेः कितने ही मित्र सक्रिय हैं । संस्थाएं सक्रिय हैं । गुजवि का तो नाम ही गुरु जाम्भो पर जिन्होंने पेड़ बचाने का संदेश दिया और बाद में इसी संदेश को सुंदर लाल बहुगुणा ने पेड़ बचाओ आंदोलन का रूप दे दिया । गुजवि में ऐसी हरियाली है कि हर जगह हरियाली ही हरियाली है । सुंदर पार्क । इन सबको सलाम करता हूं । हर शहर में ऐसे लोग होंगे । सबको सलाम करता हूं ।एक शेर है इसी परजो घर बनाओ तो इक पेड़ लगा लेनापरिंदे सारे घर में चहचहायेंगे,,, Post navigation विश्व रत्न भारत पुत्र हाकी के महान खिलाडी हाकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद को विश्व सदा सदा याद रखेगा – समाजसेवी योगराज शर्मा . किसान आंदोलन की चार बड़ी खूबियाँ