मेवात किसान केयर संघर्ष समिति की बैठक मरोड़ा में हुई

भारत सारथी जुबैर खान नूंह

मरोडा गांव में देररात तक चली मेवात किसान केयर संघर्ष समिति की बैठक में कई निर्णय लिए गए। शनिवार को बैठक की अध्यक्षता मेवात किसान केयर संघर्ष समिति के राष्ट्रीय संयोजक एवं किसान नेता राजूद्दीन ने की। 

रविवार 29 नवंबर को मेवात क्षेत्र के किसानों का पहला जत्था दिल्ली रवाना हो गया। राजूद्दीन ने कहा कि इस वक्त एमएसपी को किसानों का जन्मसिद्ध अधिकार बनाने की आवश्यकता है क्योंकि किसान सूखा, बाढ़, ओलावृष्टि और कुदरती आपदाओं से प्रभावित हैं। यही कारण है कि किसानों की आत्महत्याएं देश में लगातार बढ़ रही है। जबकि केंद्र सरकार ने तीन कृषि कानून लाकर बची कुची कमर किसानों की तोड़ दी है। अब किसान के पास विरोध के अलावा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। किसान आज सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करने के लिए मजबूर है। किसान नेता सबीला जंग ने कहा कि बेहतर यही होगा कि तुरंत प्रभाव से सरकार नए कानूनों को वापिस ले। पिछले 3 दिनों से विभिन्न गांवों में किसानों के साथ बैठकें हुई है।

मेवात आरटीआई मंच, गालिब मौजी खान फाउंडेशन, जागो चलो महिला संगठन ने मेवात किसान केयर संघर्ष समिति के नेतृत्व में अधिकारियों के मार्फत राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल और मुख्यमंत्री को ज्ञापन पत्र लगातार भेजे गए हैं। किसान सलीम सरपंच, मुबारिक अटेरना ने कहा कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत पूरे उत्तर भारत का किसान जाग चुका है। अपने हक के लिए पश्चिम बंगाल से लेकर कन्याकुमारी तक अपनी मांगों के लिए एकजुट होकर दिल्ली का घेराव कर चुका है। लाखों की संख्या में किसान दिल्ली में हैं और इतनी संख्या में सीमाओं पर डटे हुए हैं। सरकारें जय जवान-जय किसान का नारा देती आ रही है लेकिन आज अन्नदाता सड़कों पर है। किसानों को एमएसपी नहीं मिल रही हैं तथा मंडी व्यवस्था बंद करने से किसान बेबस हैं। अपनी मांगों को उठाने के अलावा उसके पास कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा है।

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