भारत सारथी/ऋषि प्रकाश कौशिक
हरियाणा में आज भी किसान आंदोलन सरकार के सिर चढ़ बोलता रहा और किसान पुलिस को धता बता, बेरिकेट्स के अवरोध हटा दिल्ली पहुंचने में कामयाब हो ही गए, जबकि सरकार के पूरे प्रयास थे कि किसान दिल्ली न पहुंच सकें।
जिस संख्या में किसान आंदोलन में जोश के साथ निकलकर आए, इसकी संभावना हरियाणा सरकार को कतई भी नहीं थी।
मुख्यमंत्री कह रहे थे कि किसान आंदोलन कोई गंभीर बात नहीं है लेकिन अब दो दिनों से न तो हमारे गृहमंत्री अनिल विज का कोई ब्यान आया है और न ही मुख्यमंत्री की ओर से कोई वक्तव्य जारी हुआ है।हां, यह अवश्य सूचना मिली कि आज मुख्यमंत्री का जो सम्मान समारोह होना था, उसमें परिवर्तन अवश्य किए गए। कहा यह गए कि वह कोविड के कारण है। अब पता नहीं वह कोविड के कारण हुआ या किसान आंदोलन के।
कल हमने लिखा था कि जनता की आवाज के साथ सभी राजनीतिक दल साथ आ जाते हैं। आज वही देखने को मिला कि कांग्रेस के रणदीप सुरजेवाला, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, दीपेंद्र हुड्डा व अन्य कार्यकर्ता भी किसानों को समर्थन देने की बात कर रहे थे। इनेलो तो आरंभ से ही किसानों के साथ डटकर खड़ी दिखाई दे रही है। आज आप पार्टी की ओर से भी किसानों को पूर्ण समर्थन की बात कही गई।यह तो हुई राजनीतिक दलों की बात लेकिन जो जनता में दिखाई दिया कि जनता परिवहन व्यवस्था में परेशानी होने के बावजूद किसानों के समर्थन में बात करती देखी गई।
अब पुरानी कहावत है कि जनता की आवाज भगवान की आवाज होती है। अब हम इस विवाद में तो अपनी ओर से नहीं पड़ेंगे कि तीनों कृषि कानून किसानों के हित में हैं या अहित में लेकिन यह जरूर कहेंगे कि जब सभी किसान और जनता यह कह रही है कि यह किसानों के लिए मौका-फरमान है तो जरूर इसमें कहीं न कहीं सच्चाई है।
इन स्थितियों से सरकार डगमगाई दिख रही है और गठबंधन पर बनी सरकार गठबंधन टूटते ही गिरनी तय है, क्योंकि किसान आंदोलन के कारण जो वातावरण बन गया है, उससे लगता नहीं कि कोई निर्दलीय विधायक वर्तमान परिस्थितियों में सरकार के साथ खड़ा होगा।
राजनैतिक चर्चाकारों के अनुसार सरकार के सामने इस समय यक्ष प्रश्न यह है कि वह केंद्र सरकार की माने या अपने प्रदेश की जनता की भावनाओं को समझे?वर्तमान हरियाणा सरकार माना जाता है कि सभी निर्देश केंद्र सरकार से लेती है और यदि वह यह मानते भी हैं कि किसानों के कानून किसान के अहित में है तो भी वह यह बात कह नहीं सकते। कहना यही होगा कि मोदी जी के कानून सही हैं।